iGrain India - शंघाई । चीन दुनिया में सोयाबीन का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वहां विदेशों से आयात घटाने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है मगर इसमें उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है।
चीन के कृषि मंत्रालय ने अपनी पंचवर्षीय योजना के तहत वर्ष 2025 तक सोयाबीन का घरेलू उत्पादन बढ़ाकर 230 लाख टन पर पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिससे सोयाबीन में आत्मनिर्भरता के स्तर में 6-7 प्रतिशत बिंदु की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
लेकिन मंत्रालय ने वर्ष 2024 में सोयाबीन का उत्पादन 204.50 लाख टन होने के अनुमान लगाया है जो वर्ष 2023 से कुछ पीछे और अगले साल के लिए नियत लक्ष्य से 25 लाख टन कम है।
इस उत्पादन के सहारे चीन सोयाबीन के मामले में केवल 17.8 प्रतिशत आत्मनिर्भरता ही प्राप्त कर सकता है जो पंचवर्षीय औसत 16.6 प्रतिशत से कुछ ही अधिक है।
राष्ट्रीय संख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक 2024-25 सीजन के दौरान चीन में 946 लाख टन सोयाबीन का विशाल आयात होने की संभावना है जिससे घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी रहेगी। दूसरी ओर विशाल आयात के कारण स्वदेशी किसानों को सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने का समुचित प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।
सोयाबीन का भाव अक्टूबर 2024 में पिछले साल से 22 प्रतिशत तथा वर्ष 2022 से 35 प्रतिशत नीचे आ गया जो किसानों के लिए गहरा आघात साबित हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन की संघीय सरकार सोयाबीन के घरेलू उत्पादन में 20-25 लाख टन की मामूली बढ़ोत्तरी प्राप्त करने के लिए भारी-भरकम धनराशि तथा संसाधनों का उपयोग कर रही है।
इसके तहत किसानों को सब्सिडी दी जा रही है, उच्च उपज दर वाली किस्मों का बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है, मक्का के साथ सोयाबीन की सह खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और ऋण तथा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। लेकिन इन सब उपायों के बावजूद चीन में सोयाबीन का उत्पादन एक निश्चित सीमा में स्थिर बना हुआ है।