iGrain India - मुम्बई । उद्योग-व्यापार क्षेत्र के शीर्ष विश्लेषकों का कहना है कि नवम्बर 2024 के दौरान देश में खाद्य तेलों का आयात बढ़कर पिछले चार महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गया क्योंकि त्यौहारी सीजन के दौरान इसकी मांग में भारी इजाफा होने के कारण पहले जो स्टॉक घट गया था उसकी भरपाई करने के लिए रिफाइनर्स द्वारा क्रूड श्रेणी के पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल का आयात तेजी से बढ़ाने का प्रयास किया गया। भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे प्रमुख आयातक देश है।
विश्लेषकों के अनुसार अक्टूबर की तुलना में नवम्बर के दौरान पाम तेल का आयात 0.5 प्रतिशत सुधरकर 8.50 लाख टन, सोयाबीन तेल का आयात 20 प्रतिशत उछलकर 4.10 लाख टन तथा सूरजमुखी तेल का आयात 43 प्रतिशत बढ़कर 3.41 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है। इस तरह सोयाबीन तेल का आयात पिछले तीन माह तथा सूरजमुखी तेल का आयात गत चार माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल के आयात में भारी इजाफा होने से नवम्बर 2024 में खाद्य तेलों का कुल आयात भी 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 16 लाख टन के करीब पहुंच जाने की संभावना है।
दक्षिणी राज्यों की मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए रिफाइनर्स को क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ाना पड़ा। सितम्बर-अक्टूबर के दौरान कम आयात होने से वहां इसका स्टॉक काफी घट गया था।
एक अग्रणी उद्योग समीक्षक के मुताबिक इस वर्ष खाद्य तेलों में त्यौहारी मांग काफी अच्छी रही जिससे रिफाइनर्स को इसका स्टॉक बढ़ाने का भरपूर प्रोत्साहन मिला। खाद्य तेल की कीमतों में भी मजबूती रही। सरकार ने इस पर पहले ही आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी थी।
ध्यान देने की बात है कि खाद्य तेलों के आयात का उपरोक्त आंकड़ा उद्योग-व्यापार क्षेत्र के कुछ समीक्षकों के अनुमान पर आधारित है जबकि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) का आंकड़ा मध्य दिसम्बर में सामने आएगा।