iGrain India - ब्रिसबेन (भारती एग्री एप्प)। आपूर्ति का ऑफ सीजन होने तथा नई फसल की कटाई-तैयारी में प्रतिकूल मौसम के कारण देर हो जाने से अक्टूबर में ऑस्ट्रेलियाई मसूर का निर्यात प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा।
ऑस्ट्रेलियाई संख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के आंकड़ों से पता चलता है कि सितम्बर 2024 में ऑस्ट्रेलिया से करीब 89 हजार टन मसूर का निर्यात हुआ था जबकि अक्टूबर में शिपमेंट 66 प्रतिशत की जोरदार गिरावट के साथ 30 हजार टन के आसपास सिमट गया।
ऑस्ट्रेलिया से अक्टूबर में भारत को सर्वाधिक करीब 11 हजार टन मसूर का निर्यात किया गया जबकि श्रीलंका को 7615 टन तथा बांग्ला देश को 4943 टन का शिपमेंट हुआ ये तीन देश ऑस्ट्रेलियाई मसूर के सबसे प्रमुख खरीदार रहे।
एबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में अक्टूबर 2024 तक ऑस्ट्रेलिया से कुल मिलाकर 14,11,304 टन मसूर का निर्यात हुआ जो 2022-23 के मार्केटिंग सीजन की समान अवधि के शिपमेंट 17,99,171 टन से काफी कम रहा।
ऑस्ट्रेलिया से 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में मसूर का निर्यात और भी घटने की संभावना है क्योंकि सरकारी एजेंसी- अबारेस ने वहां इस महत्वपूर्ण दलहन फसल का उत्पादन अनुमान 16.85 लाख टन से करीब 5.70 लाख टन या 34 प्रतिशत घटाकर 11.16 लाख टन निर्धारित किया है।
वहां पुराना स्टॉक भी बहुत कम बचा हुआ है इसलिए उत्पादन में भारी गिरावट आने के कारण निर्यात योग्य स्टॉक में स्वाभाविक रूप से कमी आ जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया में मुख्यत: लाल मसूर का उत्पादन होता है। भारत इसका सबसे प्रमुख आयातक देश बना हुआ है। वहां दोनों प्रमुख उत्पादक राज्यों- साउथ ऑस्ट्रेलिया तथा विक्टोरिया में मसूर की पैदावार काफी घटने की संभावना है।