iGrain India - इंदौर । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण संगठन- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के शुरुआती दो महीनों में यानी अक्टूबर-नवम्बर 2024 के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में करीब 34 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई जो गत वर्ष के इन्हीं महीनों में हुई कुल आवक 40 लाख टन से 6 लाख टन कम रही। समझा जाता है कि कमजोर बाजार भाव के कारण किसानों ने अपने सोयाबीन की बिक्री में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया।
सोपा की रिपोर्ट के मुताबिक इस 34 लाख टन की कुल आवक में से 19.50 लाख टन की क्रशिंग हुई। 95 हजार टन की सीधी खपत हुई और 2 हजार टन का निर्यात किया गया। 1 दिसम्बर 2024 को किसानों, व्यापारियों / स्टॉकिस्टों एवं तेल मिलर्स के पास 101.29 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ था।
पिछले साल 40 लाख टन की आवक में से 23.50 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हुई थी, 75 हजार टन का प्रत्यक्ष उपयोग एवं 2 हजार टन का निर्यात किया गया था और 1 दिसम्बर 2023 को 105.68 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ था।
एसोसिएशन ने सोयाबीन का घरेलू उत्पादन पिछले साल के 118.74 लाख टन से बढ़कर इस वर्ष 125.82 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है मगर इसका आरंभिक स्टॉक 24.07 लाख टन से घटकर 8.94 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की है।
इसके फलस्वरूप सोयाबीन की कुल उपलब्धता 142.81 लाख टन से घटकर 134.76 लाख टन रह जाने की संभावना है। पिछले सीजन में विदेशों से 6.25 लाख टन सोयाबीन का आयात किया गया था जबकि चालू सीजन में 3 लाख टन के आयात का अनुमान लगाया गया।
कुल स्टॉक में से 13 लाख टन सोयाबीन को बिजाई के प्रति आरक्षित रखा जाएगा और इसके बाद क्रशिंग-प्रोसेसिंग के लिए 124.76 लाख टन का स्टॉक उपलब्ध रहेगा। अक्टूबर-नवम्बर 2024 में 2.41 लाख टन सोयामील का निर्यात होने का अनुमान सोपा ने लगाया है।