iGrain India - हैदराबाद । चालू सप्ताह के दौरान भारत से निर्यात होने वाले चावल का ऑफर मूल्य काफी हद तक स्थिर देखा जा रहा है। हालांकि खरीफ कालीन चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ती जा रही है मगर अफ्रीकी देशों की जोरदार मांग के कारण कीमतों में नरमी का माहौल नहीं बन रहा है।
उधर वियतनाम में आपूर्ति बढ़ने एवं मांग सामान्य रहने से चावल का भाव कुछ घट गया मगर थाईलैंड में बहत (मुद्रा) की मजबूती के कारण चावल के दाम में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
शीर्ष निर्यातक देश- भारत के 5 प्रतिशत टूटे सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 444-450 डॉलर प्रति टन तथा 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का मूल्य 450-458 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना हुआ है।
रुपए की विनिमय दर में आई गिरावट के सहारे भारतीय निर्यातकों को अपने चावल का ऑफर मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार रखने में सहायता मिल रही है।
हालांकि धान का भाव ऊंचा हो गया है क्योंकि सरकार ने इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर दी है। ध्यान देने की बात है कि चालू सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर घटकर सबसे निचले स्तर पर आ गई जिससे निर्यातकों का मार्जिन बढ़ गया।
उधर 5 प्रतिशत टूटे वियतनामी चावल का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले सप्ताह के 517 डॉलर से घटकर अब 509 डॉलर प्रति टन पर आ गया है।
अमरीकी कृषि विभाग द्वारा वियतनाम में चावल के उत्पादन का अनुमान बढ़ाए जाने के बाद वहां कीमतों पर दबाव बढ़ गया। वहां मेकांग डेल्टा क्षेत्र में 20 नवम्बर तक 5 लाख हेक्टेयर में शीत-बसंतकालीन धान की खेती हो चुकी थी जो गत वर्ष से 30 प्रतिशत अधिक रही। इससे उत्पादन में सुधार आने की उम्मीद है।
थाईलैंड में 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य गत सप्ताह के 510 डॉलर से सुधरकर अब 510-515 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
वर्षांत का समय नजदीक होने से थाई चावल की मांग स्थिर हो गई है लेकिन अगली फसल की अच्छी हालत को देखते हुए नए वर्ष में चावल की आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद है। केवल स्थानीय मुद्रा (बहत) में आई मजबूती के कारण चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में कुछ सुधार हो गया है।