iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख दलहन उत्पादक इलाकों में फसलों की कटाई- तैयारी का पीक सीजन बीत चुका है और अब नए माल के निर्यात की गति धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है।
उत्पादक अपने दलहनों का स्टॉक बेचने में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं जबकि वहां देसी चना, मसूर तथा फाबा बीन्स का भाव कुछ हद तक मजबूत बना हुआ है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक दक्षिण एशिया के देशों में मसूर की मैग मजबूत होने से ऑस्ट्रेलिया के उत्पादक इलाकों तथा संचय केन्द्रों में बेहतर कारोबार हो रहा है लेकिन कनाडा एवं रूस से पीली मटर का भारी आयात होने तथा घरेलू बाजार भाव स्थिर या नरम पड़ने से भारत में ऑस्ट्रेलिया के नए चने के आयात के प्रति उत्साह एवं आकर्षण घट गया है।
ऑस्ट्रेलिया में इस बार फाबा बीन्स का शानदार उत्पादन हुआ है और हाल के सप्ताहों में उत्तरी क्षेत्र के बंदरगाहों- न्यू वास्ल तथा ब्रिसबेन से मिस्र को कई जहाजों में इसकी खेप भी भेजी जा चुकी है।
वहां इसका भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है जिससे उत्पादकों को अपना स्टॉक नियमित रूप से बेचते रहने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
अब तक हुई कटाई के तहत अधिकांश दलहनों की क्वालिटी काफी अच्छी बताई जा रही है लेकिन न्यू साउथ वेल्स प्रान्त में चना की लगभग एक-तिहाई फसल अभी खेतों में खड़ी है और हाल की बारिश से उसे कुछ नुकसान होने की आशंका है।
इसी तरह साउथ ऑस्ट्रेलिया एवं विक्टोरिया प्रान्त में जहां फाबा बीन्स की कटाई नहीं हुई है वहां फसल को खतरा बढ़ गया है। विक्टोरिया राज्य में मसूर की पिछैती बिजाई वाली फसल के लिए भी बारिश को हानिकारक माना जा रहा है।
सरकारी एजेंसी- अबारेस द्वारा 3 दिसम्बर को जारी तिमाही रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया में देसी चना का उत्पादन 2023-24 सीजन के 4.91 लाख टन से उछलकर 18.87 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया।
क्वींसलैंड तथा न्यू साउथ वेल्स प्रान्त में अनुकूल मौसम एवं बेहतर बिजाई के कारण चना के उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी की संभावना व्यक्त की गई है।
दूसरी ओर मसूर का उत्पादन पिछले साल के 15.68 लाख टन से 29 प्रतिशत घटकर इस बार 11.16 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान लगाया गया है। साउथ ऑस्ट्रेलिया एवं विक्टोरिया में फसल कमजोर रही।