iGrain India - ब्रिसबेन । शानदार उत्पादन का स्पष्ट संकेत मिलने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में चना का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य ब्रिसबेन बंदरगाह पर बढ़कर 930 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई पर पहुंच गया है जो बल्क निर्यात का भाव है।
आमतौर पर कंटेनरों में होने वाले निर्यात का भाव बल्क मूल्य की तुलना में 30-40 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहता है मगर अभी दोनों मूल्य स्तर के बीच दूरी लगभग समाप्त हो गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकांश आयातक बल्क रूप में ही चना का आयात पसंद कर रहे हैं।
पिछले महीने ब्रिसबेन बंदरगाह पर बल्क रूप में चना का निर्यात ऑफर मूल्य और भी बढ़कर 950 डॉलर प्रति टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था। अक्टूबर में भी यह ऊंचे स्तर पर रहा था जो पूर्ववर्ती माह के निचले स्तर 850 डॉलर प्रति टन से ऊपर उठा था।
ऑस्ट्रेलिया की सरकारी संस्था- अबारेस ने चना का घरेलू उत्पादन गत वर्ष के 4.91 लाख टन से करीब 14 लाख टन उछलकर इस बार 18.87 लाख टन के उच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
इस शानदार उत्पादन को देखते हुए वहां चना की कीमतों पर भारी दबाव पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही थी लेकिन इसके विपरीत भाव काफी तेजी से ऊपर उठा है।
विश्लेषकों को आशंका है कि इस ऊंचे मूल्य स्तर पर भारत में चना की मांग कमजोर पड़ सकती है क्योंकि वहां इसका घरेलू बाजार भाव स्थिर होने लगा है और बिजाई का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि विदेशी मुद्रा की कमी के संकट से जूझ रहे बांग्ला देश, पाकिस्तान और श्रीलंका के आयातक भी ऑस्ट्रेलिया से ऊंचे दाम पर चना की खरीद करने में कठिनाई महसूस करेंगे।
भारत में कनाडा एवं रूस से विशाल मात्रा में पीली मटर का आयात हो रहा है।हाल ही में वहां सिर्फ एक ही सप्ताह में पीली मटर से लदे पांच जहाज भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच गए थे।