iGrain India - नई दिल्ली । पिछले अनेक महीनों से बाजार भाव एक निश्चित सीमा में स्थिर रहने के कारण चालू रबी सीजन में धनिया की बिजाई के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षक घटने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- राजस्थान, गुजरात एवं मध्य प्रदेश में धनिया की बिजाई अभी जारी है मगर क्षेत्रफल में गिरावट देखी जा रही है।
गुजरात में तो इस महत्वपूर्ण मसाला फसल का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 2.23 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 62,400 हेक्टेयर पर अटक गया। यह 9 दिसम्बर तक का आंकड़ा है। गुजरात में जीरे की बिजाई भी पिछड़ रही है। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भी उत्साहवर्धक बिजाई नहीं हो रही है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में धनिए की सीमित आपूर्ति हो रही है क्योंकि एक तो बाजार भाव काफी हद तक स्थिर बना हुआ है और दूसरे, उत्पादक अभी रबी फसलों की बिजाई में व्यस्त हैं।
सीमित आपूर्ति के बावजूद धनिया के दाम में अपेक्षित तेजी नहीं देखी जा रही है जिससे इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग कमजोर होने का संकेत मिलता है।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी अप्रैल-सितम्बर 2024 के दौरान देश से धनिया का निर्यात घटकर 29,661 टन पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट 71,931 टन से काफी कम रहा।
इसकी निर्यात आय भी 592.27 करोड़ रुपए से घटकर 309.40 करोड़ रुपए पर अटक गई। राजस्थान की रामगंज मंडी में फिलहाल औसतन 3000-3500 बोरियों तथा बारां मंडी में 300-350 बोरियों की दैनिक आवक के साथ धनिया की कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।