iGrain India - नई दिल्ली । अखिल भारतीय स्तर पर थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर नवम्बर 2024 में गिरकर 1.89 प्रतिशत रह गई जो अक्टूबर 2024 में दर्ज की गई दर 2.36 प्रतिशत से कम रही।
महंगाई दर में आई इस कमी का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, वस्त्र उत्पादों, मशीनरी तथा उपकरणों की कीमतों में कुछ गिरावट आना रहा।
सभी जिंसों के लिए थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) नवम्बर 2024 में 156 रहा जो अक्टूबर की तुलना में महज 0.06 प्रतिशत कम था।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान महंगाई की दर 1.89 प्रतिशत रही। प्राथमिक उत्पादों के लिए सूचकांक 1.20 प्रतिशत गिरकर नवंबर में 197.9 बिंदु पर आ गया जो अक्टूबर में 200.3 बिंदु रहा था।
कुल कॉमोडिटीज में प्राथमिक उत्पादों का भारित अंश 22.62 प्रतिशत रहता है। इसमें खाद्य उत्पाद, क्रूड पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, खनिज तत्व एवं गैर खाद्य उत्पाद आदि शामिल होते हैं।
ईंधन एवं बिजली का भारित अंश 13.15 प्रतिशत, निर्मित उत्पादों का 64.23 प्रतिशत तथा खाद्य सूचकांक का 24.38 प्रतिशत होता है। इसमें प्राथमिक अवयव समूह से खाद्य पदार्थ तथा निर्मित उत्पाद समूह से खाद्य उत्पाद- दोनों शामिल होते हैं।
इसका सूचकांक अक्टूबर के 201.2 अंक से फिसलकर नवम्बर में 200.3 अंक रह गया। इसके फलस्वरूप खाद्य महंगाई की दर भी इस अवधि में 11.59 प्रतिशत से घटकर 8.92 प्रतिशत रह गई। कुल खाद्य उत्पादों का दाम नरम पड़ने से यह बदलाव हुआ है।
लेकिन कुछ उत्पादों की कीमतों में तेजी भी देखी गई। महंगाई दर का यह आंकड़ा आरंभिक है जिसमें आगे कुछ बदलाव हो सकता है। ऊंची महंगाई दर के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी मौद्रिक नीति में ज्यादा परिवर्तन नहीं करना पड़ रहा है।