iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जनवरी 2025 के दौरान केवल पश्चिमोत्तर पूर्वी एवं मध्य पश्चिमी भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर से ऊंचा रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
इसी तरह देश के अधिकांश भागों में उच्चतम तापमान भी सामान्य स्तर से ऊंचा रहने की संभावना व्यक्त की गई है लेकिन इसमें पश्चिमोत्तर, मध्यवर्ती एवं पूर्वी भारत में कुछ खास इलाके शामिल नहीं हैं।
आईएमडी के महानिदेशक के अनुसार देश के पश्चिमी क्षेत्र तथा मध्यवर्ती भारत के उत्तरी भाग में जनवरी माह के दौरान शीत लहर का प्रकोप सामान्य की तुलना में अधिक दिनों तक बरकरार रह सकता है।
उत्तरी भारत में जनवरी से मार्च के बीच बारिश सामान्य औसत से कम होने की संभावना व्यक्त की गई है। यह वर्षा दीर्घकालीन औसत (एलपीए) के सापेक्ष 86 प्रतिशत से भी कम हो सकती है।
इस तिमाही के लिए सामान्य औसत वर्षा करीब 184.3 मि०मी० आंकी गई है जबकि वास्तविक बारिश इससे 15 प्रतिशत तक कम होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि देश के उत्तरी एवं पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित राज्य- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में गेहूं, चना, सरसों, मसूर, मटर एवं जौ आदि रबी फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
वहां अक्टूबर से दिसम्बर के बीच इन फसलों की बिजाई तथा मार्च से जून के बीच कटाई-तैयारी होती है पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण होने वाली शीत कालीन वर्षा इस क्षेत्र में रबी फसलों के विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण मानी जाती है।
दिसम्बर के अंतिम सप्ताह के दौरान इस क्षेत्र में अच्छी वर्षा हुई जबकि 4 से 6 जनवरी के दौरान भी वहां बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इस बीच पर्वतीय क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में जबरदस्त हिमपात होने से मैदानी भागों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है और तापमान में भारी गिरावट आ गई है।