iGrain India - खम्माम । लागत खर्च में वृद्धि होने, फसल की औसत उपज दर में कमी आने तथा बाजार भाव नीचे रहने जैसे कारकों की वजह से वर्ष 2024 के दौरान तेलंगाना के लालमिर्च उत्पादकों को अत्यन्त विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2023 में लालमिर्च का भाव उछलकर 22,000 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया था मगर वर्ष 2024 में यह लुढ़ककर 14,000 रुपए प्रति क्विंटल के नीचले स्तर पर आ गया। अब उत्पादकों को राज्य सरकार पर ही भरोसा है कि वह उसके बचाव में आगे आएगी।
2025 का नया साल भी सामान्य स्थिति के साथ आरंभ हुआ क्योंकि खम्माम के मंडी परिसर में लालमिर्च का दाम 14,000 रुपए प्रति क्विंटल के निराशाजनक नीचे मूल्य स्तर पर ही बरकरार रहा।
उम्मीद की जा रही थी कि उत्तरी भारत में कड़ाके की ठंड शुरू होने से लालमिर्च की मांग एवं कीमत में अच्छी बढ़ोत्तरी होगी लेकिन अभी तक इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहा है।
उत्पादकों पर अभी दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ लालमिर्च की खेती पर होने वाला खर्च वर्ष 2023 के 70-80 हजार रुपए प्रति एकड़ से बढ़कर वर्ष 2024 में 1.00-1.50 लाख रुपए प्रति एकड़ पर पहुंच गया जबकि दूसरी ओर विभिन्न कारणों से फसल को हुए नुकसान के कारण इसकी औसत उपज दर 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ से लगभग 50 प्रतिशत घटकर 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ रह गई।
मौसम की प्रतिकूल स्थिति एवं कीड़ों- रोगों के बढ़ते प्रकोप के कारण लालमिर्च के उत्पादन क्षेत्र में प्रति वर्ष गिरावट आती जा रही है।
लालमिर्च की खेती करना अब खर्चीला व्यवसाय साबित होने लगा है जबकि फसल की उपज दर एवं पैदावार अब भाग्य पर निर्भर हो गई है।
खम्माम जिले में लालमिर्च का बिजाई क्षेत्र वर्ष 2025 में करीब 1.50 लाख एकड़ रहा था जो 2024 में घटकर 95 हजार एकड़ पर अटक गया। उत्पादकों की शिकायत है कि खरीदार काफी नीचे दाम पर लालमिर्च बेचने के लिए किसानों पर दबाव डालते हैं।
वर्ष 2023 में जिस किसान को 19,500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अपना माल बेचने में सफलता मिली थी उसे वर्ष 2024 में 11 से 13 हजार रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर उसकी बिक्री करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।