iGrain India - नई दिल्ली । पिछले सीजन की तुलना में चालू सीजन के दौरान क्रियाशील चीनी मिलों की संख्या घटने से गन्ना की क्रशिंग पर असर पड़ रहा है जिससे चीनी के उत्पादन में गिरावट आ रही है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन की पहली तिमाहीं में यानी अक्टूबर-दिसम्बर 2023 के दौरान देश भर में कुल 518 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग शुरू हुई थी
जबकि चालू सीजन की समान अवधि में इससे 25 कम इकाइयों यानी 493 मिलों में ही क्रशिंग आरंभ हो सकी। इसके फलस्वरूप गन्ना की पेराई की मात्रा घट गया।
फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर-दिसम्बर 2024 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर चीनी मिलों में 1095.70 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हो सकी जो वर्ष 2023 की समान अवधि की मात्रा 1229.90 लाख टन से करीब 134.25 लाख टन कम हैं।
इसके तहत यद्यपि उत्तर प्रदेश में गन्ना की क्रशिंग 359.07 लाख टन से सुधरकर 366.29 लाख टन, तेलंगाना में 7.98 लाख टन से सुधरकर 8.85 लाख टन तथा उत्तराखंड में 14.13 लाख टन से बढ़कर 14.62 लाख टन पर पहुंची मगर महाराष्ट्र में 426.82 लाख टन से लुढ़ककर 347.67 लाख टन,
कर्नाटक में 263.74 लाख टन से घटकर 241.76 लाख टन तथा गुजरात में 43.33 लाख टन से गिरकर 29.55 लाख टन पर अटक गई।
अन्य उत्पादक राज्यों में भी 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 सीजन की पहली तिमाही में गन्ना की कम मात्रा की क्रशिंग हुई। इसके तहत क्रशिंग की मात्रा बिहार में 27.62 लाख टन से गिरकर 26.67 लाख टन,
हरियाणा में 20.83 लाख टन से लुढ़ककर 15.85 लाख टन, मध्य प्रदेश में 11.83 लाख टन से घटकर 9.38 लाख टन, पंजाब में 17.86 लाख टन से घटकर 15.66 लाख टन तथा तमिलनाडु में 29.21 लाख टन से लुढ़ककर 11.45 लाख टन पर अटक गई।
आंध्र प्रदेश में गन्ना की क्रशिंग पिछले साल के लगभग बराबर ही हुई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश में चीनी का उत्पादन भी 112.80 लाख टन से 17.70 लाख टन या 15.7 प्रतिशत घटकर 95.10 लाख टन रह गई।