iGrain India - बिजाई कमजोर रहने से घटेगा धनिया उत्पादन नई दिल्ली। दूसरे वर्ष भी देश में धनिया की पैदावार, घटने के समाचार है। चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को गेहूं, चना, लहसुन की तुलना में धनिया के भाव कम मिलने के कारण बिजाई क्षेत्रफल में गिरावट आई है। हालांकि गुजरात कृषि विभाग द्वारा गुजरात में धनिया की बिजाई गत वर्ष के बराबर रहने के आंकड़े पेश किए गए हैं लेकिन व्यापारिक सूत्र इन आंकड़ों से सहमत नहीं है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बिजाई 20/25 प्रतिशत कम रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के दौरान देश में धनिया की बिजाई 4.95 लाख हेक्टेयर पर की गई थी जोकि वर्ष 2024 में घटकर 3.64 लाख हेक्टेयर की रह गई है। वर्ष 2025 के लिए बिजाई क्षेत्रफल 3/3.25 लाख हेक्टेयर रहने के व्यापारिक अनुमान लगाए जा रहे हैं। घटेगा उत्पादन व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2025 के दौरान देश में धनिया उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहेगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सूत्रों का मानना है कि पैदावार 80/85 लाख बोरी के आसपास रहेगी। जबकि वर्ष 2024 में उत्पादन 1.15 करोड़ बोरी एवं वर्ष 2023 में उत्पादन 1.60 करोड़ बोरी का रहा था। उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई का कार्य पूर्ण हो गया है। अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है। बकाया स्टॉक गत सीजन में पैदावार कम होने के कारण इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर धनिया का स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में कम रहने के समाचार हैं। सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष नई फसल आने के समय मंडियों में धनिया का स्टॉक 40/45 लाख बोरी का माना जा रहा था जोकि इस वर्ष घटकर 35/40 लाख बोरी रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2023 में स्टॉक 15/20 लाख बोरी एवं वर्ष 2022 में स्टॉक 28/30 लाख बोरी का रहा था। वर्ष 2021 में स्टॉक 40/42 लाख बोरी का माना जा रहा था। भाव रहेंगे तेज जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2025 में धनिया की कीमतें तेज रहने की संभावना है। क्योंकि पैदावार कम रहने के साथ-साथ बकाया स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में कम माना जा रहा है। वर्तमान में रमजान की लिवाली बाजार में बिकवाली शुरू हो गई है। इस वर्ष देर से बिजाई शुरू होने के कारण नए मालों की आवक में भी विलम्ब होगा। जिस कारण से कीमतों में अभी मजबूती बनी रहेगी। नई फसल आने के पश्चात कीमतों में अल्पकाल के लिए गिरावट आ सकती है। अधिक मंदा संभव नहीं है। व्यापारियों का कहना है कि इस वर्ष रूस में भी धनिया उत्पादन कम रहने के समाचार मिल रहे है। जिस कारण से हाल फिलहाल आयात की भी कोई संभावना नहीं है। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर ईगल क्वालिटी का भाव 72/75 रुपए एवं बादामी का भाव 68/72 रुपए बोला जा रहा है लेकिन सूत्रों का मानना है कि नई फसल आने से पूर्व वर्तमान भावों में 3/5 रुपए प्रति किलो की तेजी संभव है। आगामी वर्ष में नई फसल के भाव भी ऊंचे खुलने की संभावना है। इस वर्ष बिजाई में 15/20 दिन का विलम्ब होने के कारण नए मालों की आवक भी देरी से शुरू होगी। इसके अलावा बकाया स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में कम रहेगा। आयात हालांकि देश में धनिया की पैदावार पर्याप्त होती है लेकिन इसके बावजूद आयातक विदेशों से धनिया का आयात करते हैं। विदेशी मालों की क्वालिटी हल्की होने के कारण आयातित माल की खपत मिक्सिंग में होती है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 के दौरान देश में धनिया का रिकॉर्ड आयात किया गया। और आयात की मात्रा 31383 टन की रही। जबकि वर्ष 2020-21 में आयात केवल 8777 टन का हुआ था। वर्ष 2023-24 में आयात 28828 टन का हुआ।निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम छह माह में एक ओर जहां धनिया निर्यात में 59 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है वहीं निर्यात से प्राप्त आय में भी 48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर- 2024 के दौरान धनिया का निर्यात 29660.74 टन का हुआ और प्राप्त आय 309.40 करोड़ की रही। जबकि गत वर्ष अप्रैल-सितम्बर - 2023 के दौरान धनिया निर्यात 71931.43 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 592.27 करोड़ रुपए की रही थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-24 के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 108624 टन का रहा था।