iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्री ने कहा है कि उद्योग द्वारा बार-बार उत्पादन लागत में हो रही वृद्धि के कारण चीनी के एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (मिनिमम सेलिंग प्राइस या एमएसपी) में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है जिसे देखते हुए शीघ्र ही इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2019 में अंतिम बार चीनी का एमएसपी 2900 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था और उसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि इस बीच गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में प्रति वर्ष नियमित रूप से बढ़ोतरी होती रही।
इसके फलस्वरूप चीनी के उत्पादन पर लागत खर्च भी बढ़ता रहा। चीनी मिलों पर इससे आर्थिक दबाव काफी बढ़ गया है।
खाद्य मंत्री के अनुसार चीनी का एमएसपी बढ़ाने की मांग हो रही है और खाद्य मंत्रालय इस विषय का आंकलन कर रहा है।
शीघ्र संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) तथा सहकारी चीनी मिलों के अग्रणी संगठन- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एन एफ सी एस एफ) द्वारा चीनी का एमएसपी बढ़ाकर 3914 रुपए प्रति क्विंटल एवं 4200 रुपए प्रति क्विंटल नियत करने के लिए सरकार पर भारी दबाव डाला जा रहा है।
हालांकि सरकार चीनी के एमएसपी में तत्काल इतना भारी इजाफा नहीं करना चाहेगी लेकिन 100-200 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सकती है।
चूंकि चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और घरेलू बाजार में भी दाम घटने लगा है इसलिए मिलर्स को काफी नुकसान हो रहा है। सरकार को वास्तविक स्थिति की पूरी जानकारी है।