iGrain India - कुआलालम्पुर। मलेशिया में मई माह के अंत में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़ने की संभावना है क्योंकि वहां इसका उत्पादन पिछले पांच महीनों के सबसे ऊपर स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है जबकि वहां से इसके निर्यात में मामूली वृद्धि हुई है। उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार अप्रैल की तुलना में मई के अंत में मलेशिया में पाम तेल उत्पादों का बकाया स्टॉक 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 16 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है। पिछले महीनों से इसमें गिरावट आ रही थी मगर मई में इसकी दिशा बदल गई। मई अंत का अनुमानित बकाया स्टॉक पिछले साल से करीब 5 प्रतिशत ज्यादा है।
उद्योग- व्यापार समीक्षकों ने इंडोनेशिया के बाद दुनिया के दूसरे सबसे प्रमुख पाम तेल उत्पादक एवं निर्यातक देश- मलेशिया में मई 2023 के दौरान क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का कुल उत्पादन अप्रैल के मुकाबले 21 प्रतिशत उछलकर 14.50 लाख टन के आसपास पहुंचने का अनुमान लगाया है जो दिसम्बर 2022 के बाद सबसे ऊंचा मासिक उत्पादन है।
इसी तरह पाम तेल उत्पादों का निर्यात 0.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.80 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है लेकिन यह कुल उत्पादन से काफी कम है। मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में मामूली बढ़ोत्तरी होने का प्रमुख कारण इंडोनेशिया की सख्त चुनौती तथा सॉफ्ट तेलों की कठिन प्रतिस्पर्धा है।
दरअसल इंडोनेशिया सरकार ने पाम तेल का निर्यात तेजी से बढ़ाने के उद्देश्य से हाल के सप्ताहों में एक्सपोर्ट टैक्स एवं लेवी में भारी कटौती कर दी है जिससे उसका उत्पाद काफी सस्ता एवं विदेशी खरीदारों के लिए आकर्षक हो गया। उधर वैश्विक बाजार में सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल का भाव घटकर पाम तेल के करीब आ गया जिससे उसकी खरीद के प्रति भारत सहित अन्य कई देशों के आयातकों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ गया।
भारत में मई माह के दौरान पाम तेल का आयात घटकर पिछले 27 महीनों के निचले स्तर पर सिमट जाने का अनुमान है। चीन में भी पाम तेल के बजाए सोया तेल एवं सूरजमुखी तेल की खरीद पर अधिक जोर दिया गया। मलेशिया में पाम तेल का भाव काफी घटता जा रहा है।