iGrain India - नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान जीरा की कीमतों में तेजी रही। कमजोर सप्लाई के चलते वायदा एवं हाजिर बाजार तेजी के साथ बोले गए। धारणा मंदे की नहीं है आगामी दिनों में भावों में तेजी रहने के समाचार है। उत्पादक केन्द्रों पर आवक घट गई है जबकि मांग बराबर बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि चीन एवं बांग्ला देश की लिवाली अच्छी है। जबकि ऊंचे भावों के चलते लोकल व्यापार सीमित हो रहा है।
भावों में तेजी
चालू सप्ताह के दौरान उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर जीरे की कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई है। सूत्रों का कहना है कि प्रमुख मंडी ऊंझा में जीरे की दैनिक आवक घटकर मात्र 5/6 हजार बोरी की रह गई है जबकि दैनिक व्यापार 10/12 हजार बोरी का हो रहा है। वर्तमान में उंझा मंडी में जीरे का क्वालिटिनुसार भाव 405/470 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा है। गत वर्ष इसी समयावधि भाव 190/240 रुपए चल रहा था। राजस्थान की मेड़ता, जोधपुर, नागौर मंडी में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे के भाव 10/20 रुपए प्रति किलो तेजी के साथ बोले गए है। दिल्ली बाजार में भी भाव तेज रहे। हाजिर में माल की उपलब्धता कमजोर रहने के कारण व्यापारियों मनोवृत्ति बाजार में तेजी की बनी हुई है। कुल उत्पादन का लगभग 75/80 प्रतिशत माल मंडियों में आ चुका है। 20 प्रतिशत माल मजबूत हाथों में है जोकि भाव बढ़ने के पश्चात बाजार में आएगी।
वायदा बाजार
वायदा बाजार में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतों तेजी के साथ तेजी के साथ बोली गई। चालू सप्ताह के शुरू में जून माह का जीरा 45340 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 46460 रुपए पर बंद हुआ है। जुलाई माह का जीरा 46225 रुपए खुलने के पश्चात के अंत में 47050 रुपए पर बंद हुआ है।
धारणा मजबूती
जानकार सूत्रों का कहना है कि जीरे बाजार में मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि नई फसल आने में अभी 6/7 माह का समय शेष है वर्तमान में किसानों के पास 18/20 लाख बोरी का स्टॉक होने के अनुमान है चालू सीजन में अभी तक मंडियों में लगभग 35/37 लाख बोरी की मंडियों में आवक हो चुकी है। आगामी दिनों में चलकर जीरा शार्टेज की जींस बन जाएगा। और नई फसल आने से पूर्व भाव कुछ भी बन सकते हैं। कुछ व्यापारियों का मानना है कि जीरे का भाव 700/750 रुपए बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। वर्तमान में मंडियों में अच्छी क्वालिटी का भाव 450/475 रुपए प्रति किलो चल रहा है।
बढ़ेगी बिजाई
चालू सीजन के सीजन के दौरान कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण आगामी सीजन के लिए प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में जीरे की बिजाई में अवश्य ही वृद्धि होगी। हालांकि चालू सीजन के लिए भी जीरे की बिजाई में वृद्धि हुई थी मगर प्रतिकूल मौसम के चलते फसल को नुकसान हुआ जिस कारण उत्पादन आशानुरूप नहीं हुआ। सूत्रों का मानना है कि दूसरे वर्ष भी जीरे के बिजाई क्षेत्रफल में वृद्धि होगी। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2022 के दौरान जीरे का क्षेत्रफल 6.85 लाख हेक्टेयर का था जोकि 2023 में बढ़कर 7.23 लाख हेक्टेयर का हो गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2024 के लिए उत्पादक राज्यों में जीरे की बिजाई लगभग 9/10 लाख हेक्टेयर के आसपास हो जाएगी।
निर्यात
रिकॉर्ड कीमतों के चलते वर्ष 2023-24 के प्रथम दो माह में जीरे के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। बाजार सूत्रों का कहना है कि अप्रैल माह के दौरान जीरा का निर्यात 17169 टन का हुआ है। जबकि गत वर्ष 10475 टन का निर्यात होने के अनुमान लगाए गए थे। गत वर्ष मई माह के दौरान 15639 टन का निर्यात होने के समाचार थे जोकि इस वर्ष 24324 टन निर्यात होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। यह आंकड़े व्यापारिक सूत्रों द्वारा जारी किए गए है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मार्च (2022-23) के दौरान जीरे का निर्यात 186508.79 टन का निर्यात हुआ है। जबकि वर्ष 2021-22 में निर्यात 216970.69 टन का निर्यात किया गया था।
IGrain India
+91 9350141815
igrainind@gmail.com
Twitter igrain_india
Linked in linkedin.com/in/rahul-chauhan-igrain-india-a9090514