iGrain India - इंदौर । घरेलू उत्पादन बेहतर होने तथा थोक मंडी भाव अपेक्षाकृत नरम रहने से 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान विदेशों से सोयाबीन के आयात में गिरावट आने की संभावना है।
इंदौर स्थित संस्था- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने चालू मार्केटिंग सीजन में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 124.11 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जबकि 25 लाख टन से कुछ अधिक सोयाबीन का पिछ्ला बकाया स्टॉक भी मौजूद था।
सोपा के मुताबिक 2021-22 सीजन के दौरान देश में करीब 5.55 लाख टन सोयाबीन का आयात हुआ था जो 2022-23 के सीजन में लगभग 10 प्रतिशत गिरकर 5 लाख टन के आसपास सिमट सकता है।
इसी तरह सोयामील के आयात में भी जोरदार गिरावट आने की संभावना है। सोपा के मुताबिक इसका कुल आयात पिछले सीजन के 6.45 लाख टन से घटकर महज 4 हजार टन के करीब रह जाएगा।
चूंकि घरेलू प्रभाग में सोयाबीन एवं सोयामील का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और इसका दाम भी वैश्विक बाजार के सापेक्ष प्रतिस्पर्धी है इसलिए पॉल्ट्री उद्योग सहित अन्य क्षेत्रों को बाहर से इसे मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सोपा की नई मासिक रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के अनुसार सोयाबीन का घरेलू उत्पादन 2021-22 के सीजन में 118.89 लाख टन हुआ था जो 2022-23 के सीजन में बढ़कर 124.11 लाख टन पर पहुंच गया।
इसके परिणामस्वरूप सोयाबीन की कुल उपलब्धता में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है और मिलर्स को क्रशिंग के लिए अधिक मात्रा में कच्चा माल प्राप्त हो रहा है। सोयातेल एवं सोयामील के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हो रही है जबकि इसकी कीमत नरम पड़ गई है।
दूसरी ओर देश से सोयामील का कुल निर्यात (सड़क एवं समुद्री मार्ग से) पिछले साल के 6.44 लाख टन से उछलकर इस बार 17 लाख टन के करीब पहुंच जाने की उम्मीद है।
इसमें से 1 जून 2023 को किसानों एवं व्यापारियों के पास कुल मिलाकर 59.58 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ था। सोयाबीन खरीफ कालीन तिलहन फसल है। इसकी छिटपुट बिजाई आरंभ हो चुकी है जबकि इसकी नई फसल सितम्बर-अक्टूबर से आनी शुरू होगी।
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