iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम को 15 लाख टन गेहूं बेचने तथा इसकी ई-नीलामी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 28 जून को आरंभ करने की अनुमति दी गई है।
समझा जाता है कि प्रथम साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया इसी नियत तिथि को शुरू हो जाएगी और इसमें 3 से 5 लाख टन तक गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जा सकता है। इससे घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में कुछ नरमी आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि ओएमएसएस के तहत खाद्य मंत्रालय ने एफसीआई को 15 लाख टन गेहूं केन्द्रीय पूल से घरेलू बाजार में उतारने एवं फ्लोर मिलर्स, प्राइवेट व्यापारिक फर्मों, बल्क खरीदारों तथा गेहूं उत्पादों से अन्य समान बनाने वाली कंपनियों को मार्च 2024 तक उसकी बिक्री करने की स्वीकृति दी है ताकि घरेलू बाजार में गेहूं के दाम को नियंत्रित किया जा सके।
भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) का कहना है कि 28 जून को होने वाली पहली नीलामी के दौरान 3-5 लाख टन तक गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जा सकता है और इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
सीएमडी के मुताबिक गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य भी नियत कर दिया है जो सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) के लिए 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा अंडर रिलेक्स्ड स्पेशिफिकेशन (यूआरएस) के लिए 2125 रुपए प्रति क्विंटल होगा।
अखिल भारतीय स्तर पर 31 दिसम्बर 2023 तक यह मूल्य प्रभावी रहेगा।
जहां तक चावल का सवाल है तो इसकी नीलामी 5 जुलाई को आरंभ होगी और आवश्यकता के अनुरूप इसकी मात्रा का ऑफर दिया जाएगा।
प्राइवेट फर्मों के लिए चावल का न्यूतनम आरक्षित मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जो 31 अक्टूबर 2023 तक समूचे देश के लिए समान रूप से लागू माना जाएगा।
खरीद कम से कम 10 टन तथा अधिक से अधिक 100 टन गेहूं एवं चावल की खरीद के लिए प्रत्येक नीलामी में बोली लगा सकते हैं तथा ज्यादा से ज्यादा खरीदारों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके और छोटे तथा सीमांत खरीदारों को भी इसकी लिवाली करने का अवसर मिल सके। गेहूं तथा चावल का ऑफर देश भर में अवस्थित खाद्य निगम के लगभग 500 डिपो से ई-नोलामी के जरिए दिया जाएगा।