iGrain India - शिकागो। अमरीकी कृषि विभाग ने चालू वर्ष (2023-24 सीजन ) के दौरान मक्का का वैश्विक उत्पादन 122.276 करोड़ टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाते हुए कहा है कि ब्राजील, भारत एवं दक्षिण अफ्रीका में इसकी पैदावार बेहतर होगी।
इसी तरह खाद्य एवं कृषि संगठन के एक अधीनस्थ निकाय (फाओ एमिस) ने विश्व स्तर पर 121.20 करोड़ टन मक्का के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है।
अमरीका की एक रिसर्च फर्म ने दूसरे माह के अनुबंध हेतु मक्का का औसत वायदा मूल्य 6.10 डॉलर प्रति टन रहने का अनुमान लगाया है जो 240.10 डॉलर प्रति टन के समतुल्य है और इसके मार्च अनुमान से 6.2 प्रतिशत नीचे भी है।
शिकागो बोर्ड ऑफ ग्रेड (सीबोट) में मक्का का वायदा मूल्य जून डिलीवरी के लिए करीब 6.36 डॉलर प्रति बुशेल (251 डॉलर प्रति टन) तथा जुलाई अनुबंध के लिए 6.18 डॉलर प्रति बुशेल (239.50 डॉलर प्रति टन) के आसपास चल रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार विश्व स्तर पर होने वाले अधिशेष उत्पादन का भारत में भी मक्का के दाम पर असर पड़ रहा है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की एक इकाई- एगमार्कनेट पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर मक्का का औसत भारित मूल्य फिलहाल 1865-1870 रुपए प्रति क्विंटल के करीब चल रहा है जो 1962 रुपए प्रति क्विंटल के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे है।
सरकार ने मक्का का उत्पादन उछलकर 359.10 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जिससे बाजार भाव पर दबाव बना हुआ है और किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
निर्यातकों का कहना है कि देश में मक्का का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। पॉल्ट्री फीड निर्माता, स्टार्च निर्माता, निर्यातक तथा व्यापारी- स्टॉकिस्ट द्वारा पहले ही विशाल मात्रा में मक्का की खरीद की जा चुकी है इसलिए अब इसकी मांग एवं कीमत कमजोर पड़ती जा रही है। उत्पादक मंडियों में मक्का का दाम घटकर 1700 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ गया है।