iGrain India - इंदौर । बिपरजॉय महातूफान के कारण पिछले दिनों गुजरात के बंदरगाहों पर काम बंद कर दिया गया था जिससे खाद्य तेलों का भाव मजबूत होने लगा था।
महातूफान के कारण गुजरात के कच्छ एवं सौराष्ट्र संभाग में अत्यन्त तेज गति से हवा का प्रवाह हुआ और मूसलाधार बारिश हुई जिससे मूंगफली तेल के कई प्लांट अस्थायी रूप से बंद हो गए।
वर्तमान समय में भी इन प्लांटों को कच्चे माल की भारी कमी का संकट झेलना पड़ रहा है जिससे उसकी सकल क्षमता के काफी कम भाग का उपयोग हो रहा है।
इसके फलस्वरूप मूंगफली तेल का उत्पादन सीमित हो रहा है और प्लांटों से इसकी निकासी भी कम हो रही है। बाजार में मूंगफली तेल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद नहीं है।
उधर एनसीडीईएक्स ने अपने प्लेटफार्म पर 20 जून 2023 से जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर पोजीशन के लिए मूंगफली में वायदा अनुबंध दोबारा शुरू करने की घोषणा कर दी है जिससे इसके तेल में भी तेजी की धारणा बनने लगी है।
इंदौर मार्केट में पिछले दिन मूंगफली तेल का भाव 30-40 रुपए की वृद्धि के साथ 1700/1710 रुपए तथा मुम्बई में 1700 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक सौराष्ट्र संभाग में हालात सामान्य होने तक मूंगफली तेल की आपूर्ति कम हो सकती है जिससे कीमतों में तेजी- मजबूती का सिलसिला कायम रह सकता है।
मध्य प्रदेश में सोयाबीन का भाव नरम पड़ने लगा है क्योंकि एक तरफ इसकी आपूर्ति बढ़ रही है तो दूसरी ओर प्लांटों में मांग कमजोर हो गई है।
सोया तेल में भी ग्राहकी कम देखी जा रही है। इंदौर में सोयाबीन तेल का भाव 950/955 रुपए प्रति 10 किलो तथा पाम तेल का दाम 930 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया।
सोयाबीन एवं मूंगफली खरीफ सीजन की प्रमुख तिलहन फसल है। गुजरात के सौराष्ट्र संभाग में हुई जोरदार बारिश से खेतों में पानी जमा हो जाने के कारण मूंगफली की बिजाई में बाधा पड़ रही है।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश में शुष्क एवं गर्म मौसम के कारण सोयाबीन की बिजाई की गति धीमी है। मालूम हो कि मूंगफली के उत्पादन में गुजरात तथा सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश सबसे आगे है।