iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने चालू मार्केटिंग सीजन की पहली ई-नीलामी में भाग तथा गेहूं खरीद के लिए बोली लगाने के लिए फ्लोर मिलों का भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य कर दिया है।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा चालू माह के दौरान गेहूं की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिसमें केवल वही मिलर्स भाग ले सकेंगे जिसने प्राधिकरण के पास अपना पंजीकरण करवा लिया है।
इसका प्रमुख उद्देश्य केवल समूचे देश में वास्तविक फ्लोर मिलर्स तक ही खाद्य निगम के गेहूं की पहुंच सीमित रखना है। सरकार गेहूं उत्पादों का दाम घटाने को विशेष प्राथमिकता दे रही है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी गेहूं की पहली ई-नीलामी 28 जून को आयोजित होने वाली है जिसमें खाद्य निगम द्वारा 5 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जाएगा।
इसकी खरीद के लिए 23 जून को बिड आमंत्रित किया जाएगा जिसमें प्रत्येक बल्क खरीदार 10 से 100 टन तक गेहूं खरीदने के लिए बोली लगा सकेंगे। मई में गेहूं की औसत खुदरा महंगाई दर 12.65 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
सरकार घरेलू प्रभाग में गेहूं तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है और इसके फलस्वरूप उसने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 15 लाख टन गेहूं उतारने का फैसला किया है। इसकी प्रक्रिया अगले शुक्रवार से शुरू होने वाली है।
ओएमएसएस के तहत बेचे जाने वाले गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस ग्रेड के लिए 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जो सरकार द्वारा घोषित गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास ही है लेकिन समझा जाता है कि अब इसे कुछ बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में अंतिम निर्णय की घोषणा खाद्य मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही किए जाने की उम्मीद है। उद्योग समीक्षकों ने सरकार को गेहूं का आरक्षित मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल नियत करने का सुझाव दिया है।
फरवरी-मार्च में जो नीलामी हुई थी उसके तहत प्रत्येक खरीदार को हरेक साप्ताहिक ई-नीलामी में 3000 टन तक गेहूं खरीदने की अनुमति दी गई थी लेकिन इस बार अधिकतम खरीद मात्रा 100 टन ही नियत की गई है।
पिछली नीलामी में खाद्य निगम द्वारा प्राइवेट क्षेत्र को करीब 33.70 लाख टन गेहूं बेचा गया था। इससे पूर्व 2021-22 में 70 लाख टन तथा 2020-21 में 25 लाख टन सरकारी गेहूं की बिक्री ओएमएसएस तहत हुई थी।