iGrain India - नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में मोटे अनाजों का निर्यात प्रदर्शन पिछले साल की तुलना में कमजोर देखा जा रहा है क्योंकि वैश्विक बाजार में चुनौतियां एवं प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है।
मोटे अनाजों के संवर्ग में भारत से मुख्यत: मक्के का निर्यात होता है। दक्षिण-पूर्व एशिया, बांग्ला देश एवं नेपाल इसके प्रमुख खरीदार हैं। वहां ब्राजील, अमरीका एवं अर्जेन्टीना के मक्के से भारत को कड़ी टक्कर मिल रही है।
घरेलू प्रभाग में मक्का का दाम भी अपेक्षाकृत कुछ ऊंचा है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2023 में भारत से मोटे अनाज का निर्यात घटकर 1.95 लाख टन के करीब सिमट गया जो अप्रैल 2022 के कुल शिपमेंट 2.62 लाख टन से 67 हजार टन कम रहा।
इसके फलस्वरूप निर्यात आय में गिरावट आ गई। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2022 के मुकाबले अप्रैल 2023 के दौरान मोटे अनाजों के निर्यात से प्राप्त आमदनी भारतीय मुद्रा में 685 करोड़ रुपए से 24 प्रतिशत गिरकर 521 करोड़ रुपए तथा विदेशी मुद्रा में 9 करोड़ डॉलर से 29.40 प्रतिशत घटकर 6.40 करोड़ डॉलर पर सिमट गई।
आमदनी में गिरावट आने का एक और कारक ऑफर मूल्य नीचे रहना है। मोटे अनाजों का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य अप्रैल 2022 में 343 डॉलर प्रति टन था जो अप्रैल 2023 में घटकर 325 डॉलर प्रति टन रह गया।
ब्राजील में इस बार मक्का का उत्पादन बढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। वहां सफरीन्हा मक्का के नए माल की छिटपुट आवक शुरू हो चुकी है।
भारत के भी कुछ राज्यों में ग्रीष्मकालीन मक्के की आपूर्ति हो रही है जबकि रबी कालीन मक्के का भी अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है। इस बीच खरीफ कालीन मक्के की बिजाई चल रही है।
अमरीका में मक्का की बिजाई समाप्त हो चुकी है और सितम्बर से फसल की कटाई आरंभ होने की संभावना है। अमरीका मक्का का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है।