iGrain India - मुम्बई । चालू सप्ताह के आरंभ में एनसीडीईएक्स के प्लेटफार्म पर जुलाई अनुबंध के लिए जीरा का वायदा भाव बढ़ते हुए एक समय 58,085 रुपए प्रति क्विंटल के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जो बाद में मुनाफावसूली (बिक्री) तथा एक्सचेंज द्वारा 18 जुलाई तक के लिए अतिरिक्त सर्विलांस मार्जिन (2.50 प्रतिशत) समयावधि विस्तार के कारण घटकर 27 जून को 55,500 रुपए प्रति क्विंटलर रह गया।
यह मूल्य स्तर भी अत्यन्त ऊंचा है। एक्सचेंज द्वारा जीरे की कीमतों में हो रही अनियंत्रित वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए यह अतिरिक्त सर्विलांस मार्जिन (एएसएम) लागू किया गया है।
कुछ जानकारों का कहना है कि अत्यधिक सटोरिया गतिविधि यानी बाजार को जान बूझकर ऊपर उठाने की कोशिश के आरोप में कुछ जीरा कारोबारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होने की आशंका है जिससे बाजार कुछ नरम पड़ गया।
ध्यान देने की बात है कि चालू वर्ष के आरंभ से ही जीरे की कीमतों में आग लगी हुई है। अप्रैल-जून 2023 की तिमाही में 27 जून तक इसके दाम में लगभग 55 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई जबकि 1 जनवरी से लेकर 27 जून के बीच इसका भाव 73 प्रतिशत उछल गया।
इससे व्यापारियों ने जीरे की तुलना सोना (गोल्ड) के साथ करनी शुरू कर दी है। दिल्ली में 10 ग्राम सोने का भाव 55 हजार रुपए के करीब है जो एनसीडीईएक्स में एक क्विंटल जीरा के दाम के लगभग बराबर है।
समझा जाता है कि मांग एवं आपूर्ति के बीच भारी अंतर रहने के कारण जीरा की कीमतों में बेतहाशा तेजी आ रही है। इसके अलावा इसमें कुछ सटोरियों का हाथ भी माना जा रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार 2023-24 के सीजन में जीरा की कुल मांग 80 लाख बोरी (55 किलो की प्रत्येक बोरी) रहने की संभावना है जबकि इसकी उपलब्धता 65 लाख बोरी के आसपास ही होने का अनुमान है।
इस तरह मांग एवं आपूर्ति के बीच 15 लाख बोरी या 23 प्रतिशत का भारी अंतर रहने की उम्मीद है जो इसकी कीमतों में तेजी को हवा दे रहा है। इस वर्ष मार्च-अप्रैल में कटाई-तैयारी सीजन के दौरान राजस्थान एवं गुजरात में हुई बेमौसमी वर्षा से जीरे की फसल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई जिससे इसका उत्पादन घट गया। गुजरात में जीरे की बिजाई भी कम हुई थी।
शुरूआती चरण में चालू वर्ष के दौरान 75-80 लाख बोरी जीरा के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया गया था जिसे बाद में घटाकर 65 लाख बोरी नियत किया गया।
2022-23 के सीजन में 66 लाख बोरी जीरा का उत्पादन हुआ था जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 80-85 लाख बोरी से काफी कम रहा था मगर विशाल पिछला बकाया स्टॉक के कारण इसकी कुल उपलब्धता का स्तर ऊंचा रहा।
इसके विपरीत चालू सीजन के आरंभ में पिछला स्टॉक भी बहुत कम-महज 4-5 लाख बोरी ही बचा था इसलिए कुल उपलब्धता इसकी मांग एवं खपत से कम होने की संभावना है।