iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2022 के मुकाबले अप्रैल 2023 में मसालों की निर्यात मात्रा में 20 प्रतिशत, रुपए में निर्यात आय में 23 प्रतिशत तथा डॉलर में निर्यात आय में 14 प्रतिशत का शानदार इजाफा दर्ज किया गया।
इसके तहत खासकर लालमिर्च, जीरा, हल्दी, सौंफ तथा लहसुन आदि के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 के दौरान देश से कुल 1,43,523 टन मसालों का निर्यात हुआ जिससे 3077.68 करोड़ रुपए या 37.522 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई।
इसके मुकाबले अप्रैल 2022 में 1,19,534 टन मसालों के शिपमेंट से 2505.93 करोड़ रुपए या 32.899 करोड़ डॉलर की आय प्राप्त हुई थी। डॉलर में आमदनी की दृष्टि से मसालों के कुल निर्यात में लालमिर्च की भागीदारी 39 प्रतिशत, जीरा की 17 प्रतिशत, मसाला तेल तथा ऑलियोरेसिन की 10 प्रतिशत, मिंट उत्पादों की 7 प्रतिशत, हल्दी की 6 प्रतिशत, करी पाउडर की 4 प्रतिशत तथा धनिया एवं सौंफ की भागीदारी 3-3 प्रतिशत रही।
मसालों के आयात में चीन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 32 प्रतिशत तथा अमरीका की 11 प्रतिशत रही। इसके अलावा बांग्ला देश को 8 प्रतिशत, इंडोनेशिया को 5 प्रतिशत, संयुक्त अरब अमीरात एवं मलेशिया को 4-4 प्रतिशत, थाईलैंड एवं श्रीलंका को 3-3 प्रतिशत, जर्मनी, ब्रिटेन, सऊदी अरब तथा नेपाल को 2-2 प्रतिशत और जापान तथा हॉलैंड को 1-1 प्रतिशत मसालों का निर्यात किया गया।
मई 2022 की तुलना में मई 2023 के दौरान मसालों की निर्यात आय में रुपए की दृष्टि से 60 प्रतिशत तथा डॉलर की दृष्टि से 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत से मसालों के कुल निर्यात की आमदनी बढ़कर 31,761.38 करोड़ रुपए पर पहुंच गई जो वित्त वर्ष 2021-22 की निर्यात आय 30,324.32 करोड़ रुपए से अधिक रही।
कुल निर्यात आय में लालमिर्च की भागीदारी 33 प्रतिशत, जीरा की 13 प्रतिशत, मसाला तेल / ऑलियोरेसिन की 13 प्रतिशत, मिंट उत्पादों की 11 प्रतिशत, हल्दी की 5 प्रतिशत, करी पाउडर की 4 प्रतिशत, छोटी इलायची की 3 प्रतिशत तथा कालीमिर्च की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत रही। मसालों की कुल निर्यात आय में उपरोक्त मसालों की भागीदारी 80 प्रतिशत से अधिक रही।