iGrain India - नई दिल्ली । मौसम विभाग ने अगले एक-दो दिन में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं विदर्भ (महाराष्ट्र) संभाग में दूर-दूर तक सामान्य से लेकर भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है जिससे वहां सूखे की स्थिति समाप्त हो जाएगी और किसानों को धान, सोयाबीन तथा कपास सहित अन्य खरीफ फसलों की बिजाई की गति बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
इसके साथ-साथ पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में भी अगले एक-दो दिन में भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। अभी खासकर बिहार में बारिश की सख्त आवश्यकता महसूस की जा रही है। अगली खबर यह है कि मानसून वहां भी सक्रिय हो गया है और राज्य के कई भागों में अच्छी वर्षा होने लगी है।
उधर दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भारी वर्षा होने के आसार हैं जिससे वहां बारिश की कमी का संकट दूर हो सकता है। लेकिन मौसम विभाग ने आगाह किया है कि चालू सप्ताह के अंत तक सक्रिय रहने के बाद अगले सप्ताह मानसून की तीव्रता, सघनता एवं गतिशीलता में कमी आ सकती है।
ध्यान देने की बात है कि जुलाई के महीने को सर्वाधिक वर्षा वाला समय माना जाता है लेकिन इसके प्रथम सप्ताह में ही मानसून के कमजोर पड़ने से स्थिति गंभीर हो सकती है।
यद्यपि आधिकारिक तौर पर उसे अल नीनो के प्रकोप का परिणाम नहीं माना जा रहा है लेकिन इसकी अफवाह फैलाकर कुछ सटोरिए कृषि एवं खाद्य उत्पाद बाजार को तेज करने का प्रयास कर सकते हैं जैसा कि जून के शुरुआती दो सप्ताहों में किया गया। इससे सरकार को सावधान रहने की आवश्यकता है।
उत्तरी और पश्चिमोत्तर भारत में चालू सप्ताह के दौरान जोरदार बारिश होने का अनुमान है जिसके स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जबरदस्त वर्षा हुई है और होने वाली है।
लेकिन पूर्वी उत्तर के कुछ इलाकों में वर्षा का अभाव महसूस किया जा रहा है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा संभाग में भी भारी वर्षा की आवश्यकता है। उम्मीद है कि इन क्षेत्रों को शीघ्र ही वर्षा की सौगात मिलेगी।