iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए आयोजित पहली ई-नीलामी के तहत 89 हजार टन गेहूं की खरीद के लिए बिड (बोली) सामने आया। इसमें फ्लोर मिलर्स, व्यापारी तथा बल्क खरीदारों आदि के बिड शामिल थे।
ध्यान देने की बात है कि इस नीलामी के लिए खाद्य निगम द्वारा 4 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया था। पहली नीलामी में लगभग 900 खरीदारों ने भाग लिया।
चूंकि इसमें एक खरीदार के लिए 100 टन तक गेहूं की खरीद सीमा निर्धारित है इसलिए कुल खरीद की मात्रा सीमित ही रही। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बोली (बिड) के अंतर्गत गेहूं का औसत मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2153 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2125 रुपए प्रति क्विंटल से कुछ ही ऊपर था।
दिलचस्प तथ्य यह है कि सरकार ने नीलामी वाले गेहूं का आरक्षित मूल्य भी 2150 रुपए प्रति क्विंटल नियत कर रखा है।
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केन्द्रीय पूल से कुल 15 लाख टन गेहूं को बाजार में बेचने का निर्णय लिया गया है।
नीलामी के माध्यम से फ्लोर मिलर्स, प्राइवेट व्यापारियों, बल्क खरीदारों एवं गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को इसकी बिक्री की जाएगी। मार्च 2024 तक इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी ताकि घरेलू बाजार में गेहूं का भाव नियंत्रित रहे। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री की गई थी जिसका अच्छा असर बाजार पर पड़ा था।
28 जून, 2023 को हुई इस पहली ई-नीलामी में गेहूं की बिक्री का प्रदर्शन उत्साहवर्धक नहीं माना जा रहा है क्योंकि 4.08 लाख टन के कुल ऑफर में से केवल 89 हजार टन के लिए ही बोली लगी और इसकी कीमत भी ज्यादा ऊंची नहीं रही।
इससे संकेत मिलता है कि उत्तरी भारत के फ्लोर मिलर्स ने इस नीलामी में विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि उसके पास ऊंचे दाम पर किसानों से खरीदे गए गेहूं का स्टॉक मौजूद है।
फ्लोर मिलर्स बार-बार सरकार से नीलामी वाले गेहूं का रिजर्व मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल नियत करने का आग्रह करते रहे मगर इसे अनसुना कर दिया गया।