iGrain India - ओटावा । चालू वर्ष के दौरान कनाडा में दोनों प्रमुख दलहन फसलों- मसूर एवं मटर की बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई है जबकि मटर की औसत उपज दर में कमी आने का अनुमान है जिससे इसका कुल उत्पादन काफी घट सकता है।
मसूर की उपज दर कुछ बेहतर होने की उम्मीद है जिससे इसके उत्पादन में कम गिरावट आएगी। दूसरी ओर काबुली चना की बिजाई, औसत उपज दर एवं कुल पैदावार में अच्छी बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है। इसकी खेती में किसानों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2022 की तुलना में 2023 के दौरान कनाडा में मसूर का बिजाई क्षेत्र 43.21 लाख एकड़ से घटकर 36.69 लाख एकड़ तथा मटर का उत्पादन क्षेत्र 33.68 लाख एकड़ से गिरकर 30.40 लाख एकड़ पर सिमट गया जबकि काबुली चना का क्षेत्रफल 2.34 लाख एकड़ से उछलकर 3.16 लाख एकड़ पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान मसूर की औसत उपज दर 1174 पौंड (एल बी) प्रति एकड़ से बढ़कर 1256 पौंड प्रति एकड़ तथा काबुली चना की उत्पादकता दर 1206 पौंड प्रति एकड़ से उछलकर 1360 पौंड प्रति एकड़ पर पहुंचने की उम्मीद है जबकि दूसरी ओर मटर की औसत उपज दर 2022 के 2241 पौंड प्रति एकड़ से घटकर 2023 में 2043 पौंड प्रति एकड़ रह जाने की संभावना है।
इसके आधार पर कनाडा में पिछले साल के मुकाबले इस बार मसूर का उत्पादन 23.01 लाख टन से घटकर 20.64 लाख टन तथा मटर का उत्पादन 34.23 लाख टन से लुढ़ककर 28.27 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है जबकि काबुली चना का उत्पादन 1.28 लाख टन से बढ़कर 1.93 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है।
मालूम हो कि कनाडा दुनिया में मसूर तथा मटर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि वहां से काबुली चना का निर्यात शिपमेंट भी अच्छी मात्रा में होता है। दलहन फसलों की बिजाई वहां पहले ही समाप्त हो चुकी है।
इसके अलावा कनाडा में सफेद बीन्स, रंगीन बिन्स, कैनेरी सीड, सूरजमुखी, सरसों एवं सोयाबीन आदि की खेती भी होती है। इन सभी फसलों को 'स्पेशयलिटी क्रॉप्स' कहा जाता है।
वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के दौरान कनाडा में सोयाबीन का उत्पादन 65.43 लाख टन से सुधरकर 66.94 लाख टन तथा सरसों का उत्पादन 1.62 लाख टन से बढ़कर 2.12 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है जबकि सूरजमुखी का उत्पादन 84 हजार टन से घटकर 75 हजार टन पर सिमटने की संभावना है।
इसी तरह कैनेरी सीड का उत्पादन 1.59 लाख टन से गिरकर 1.47 लाख टन तथा सफेद बीन्स का उत्पादन 89 हजार टन से गिरकर 71 हजार टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जबकि रंगीन (कलर्ड) बीन्स का उत्पादन 2.24 लाख टन से बढ़कर 2.35 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है।