iGrain India - फरीदकोट । पिछले कुछ दिनों के अंदर पंजाब के विभिन्न भागों में हुई अत्यन्त मूसलाधार वर्षा के कारण खेत- खलिहानों में पानी भर गया है और अनेक क्षेत्रों में मूंग, मक्का तथा कपास के पौधे जल मग्न हो गए हैं।
यदि खेतों में चार-पांच दिनों तक पानी जमा रहता है तो इन फसलों को भारी नुकसान और किसानों को भयंकर घाटा हो सकता है। कोटक पुरा, जैतो तथा फरीदकोट में हालत अत्यन्त चिंताजनक है।
धान की फसल के लिए तो फ़िलहाल यह बारिश लाभदायक साबित हो रही है लेकिन अन्य खरीफ फसलों को इससे भारी क्षति होने की आशंका है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यदि बारिश के पानी की निकासी खेतों से यथाशीघ्र नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। पंजाब में खरीफ फसलों की बिजाई का आदर्श समय तेजी से समाप्त होता जा रहा है इसलिए इसकी दोबारा बिजाई करने के लिए किसानों के पास ज्यादा वक्त नहीं बचेगा।
कपास की बिजाई पहले ही समाप्त हो चुकी है जबकि मूंग एवं मक्का की खेती भी अंतिम चरण में पहुंच गई है। ऐसी हालत में यदि फसल को बाढ़-वर्षा से नुकसान होता है तो उसकी भरपाई शायद संभव नहीं हो पाएगी। यहां धान के खेतों में तीन दिनों तक पानी का ज्यादा जमाव रहा तो पौधे क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
अधिकांश खेतों में 2 फीट तक पानी भरा हुआ है जिससे मूंग एवं मक्का के नवजात पौधे उसमें विलीन हो गए हैं। मौसम विभाग ने पंजाब में बारिश का दौर अभी जारी रहने की संभावना व्यक्त की है जिससे फसलों को नुकसान का दायरा और भी बढ़ सकता है।
फरीदकोट के अलावा पंजाब के कई अन्य जिलों में भी भारी वर्षा से कृषि फसलों को काफी क्षति होने की आशंका है। इसमें लुधियाना से लेकर पटियाला तक शामिल है।
पंजाब में मालवा संभाग की कपास पट्टी में भारी बारिश हुई है जहां भटिंडा, मनसा, फाजिल्का एवं संगरूर जैसे प्रमुख कपास उत्पादक जिले अवस्थित हैं। अन्य क्षेत्रों में भी भारी वर्षा ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।