iGrain India - कुआलालम्पुर । यद्यपि मई की तुलना में जून माह के दौरान मलेशियाई पाम तेल के उत्पादन में कमी आई और निर्यात में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन इसके बावजूद वहां पाम तेल उत्पादों का कुल बकाया अधिशेष स्टॉक ऊंचा रहा।
इसका प्रमुख कारण घरेलू मांग एवं खपत में कमी तथा आयात में वृद्धि होना रहा। वैसे भी निर्यात के मुकाबले पाम तेल के उत्पादन का स्तर काफी ऊंचा रहा।
सरकारी संस्था- मलेशियन ऑयल बोर्ड (एम्पोब) की नवीनतम मासिक रिपोर्ट के अनुसार मई के मुकाबले जून माह के दौरान मलेशिया में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन 4.6 प्रतिशत घटकर 14.50 लाख टन पर सिमट गया जबकि पाम तेल उत्पादों का निर्यात 8.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11.70 लाख टन पर पहुंच गया।
एम्पोब के मुताबिक जून माह के अंत में मलेशिया में पाम तेल उत्पादों का कुल बकाया स्टॉक मई अंत के मुकाबले 1.9 प्रतिशत बढ़कर 17.20 लाख टन पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। भारत में इन दोनों देशों से विशाल मात्रा में पाम तेल का आयात किया जाता है।
पिछले सप्ताह मलेशियाई पाम तेल उद्योग-व्यापार क्षेत्र के महारथियों के साथ एक सर्वे हुआ था जिससे यह तथ्य उभरकर सामने आया था कि जून माह के दौरान देश में 15.10 लाख टन क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन हो सकता है जबकि देश से इसका निर्यात घटकर 10.90 लाख टन पर सिमट जाएगा।
इसके फलस्वरूप मई समाप्ति के मुकाबले मलेशिया में जून माह के अंत में पाम तेल उत्पादों का बकाया अधिशेष स्टॉक 10.5 प्रतिशत बढ़कर 18.60 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा।
लेकिन इस सर्वे के परिणाम के मुकाबले सरकारी संस्था-एम्पोब की रिपोर्ट में पाम तेल उत्पादों के कुल बकाया स्टॉक के आंकड़े में 1.40 लाख की कटौती हुई जबकि उत्पादन का आंकड़ा भी 60 हजार टन छोटा रहा।
दूसरी ओर पाम तेल का निर्यात आंकड़ा 80 हजार टन ऊंचा रहा। निर्यात में हुई बढ़ोत्तरी से मलेशिया में पाम तेल बाजार को कुछ ऊपर उठने का अवसर मिल सकता था लेकिन भारी-भरकम बकाया स्टॉक के दबाव से इसकी कीमतों में ज्यादा तेजी आना मुश्किल लगता है।
पाम तेल बाजार पर सोयाबीन तेल के दाम में होने वाले परिवर्तन का भी सीधा असर पड़ता है।