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सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 90.50 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का सोपा का अनुमान

प्रकाशित 12/07/2023, 10:28 am
अपडेटेड 12/07/2023, 10:46 am
सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 90.50 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का सोपा का अनुमान
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iGrain India - इंदौर । हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने चालू खरीफ सीजन में 10 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का कुल उत्पादन क्षेत्र 55.50 लाख हेक्टेयर आंका है लेकिन एक अग्रणी उद्योग संस्था- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) का कहना है कि वास्तविक बिजाई क्षेत्र 90.504 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

क्षेत्रफल के आंकड़े में इस विशाल अंतर का प्रमुख कारण महाराष्ट्र का अनुमानित रकबा है। कृषि मंत्रालय ने मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 37.10 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 4.74 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 9.66 लाख, तेलंगाना में 91 हजार, कर्नाटक में 1.35 लाख, गुजरात में 1.54 लाख, छत्तीसगढ़ में 1 हजार तथा अन्य राज्यों में 26 हजार हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है

जबकि सोपा का कहना है कि सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र मध्य प्रदेश में 42.663 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 30.799 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 10.28 लाख, तेलंगाना में 1.65 लाख, कर्नाटक में 2.05 लाख, गुजरात में 1.85 लाख, छत्तीसगढ़ में करीब 36 हजार तथा अन्य प्रांतों में लगभग 86 हजार हेक्टेयर पर पहुंच चुका है।

उल्लेखनीय है कि 2022-23 के खरीफ सीजन के दौरान भी कृषि मंत्रालय एवं सोपा ने सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र का अलग-अलग आंकड़ा दिया था। मंत्रालय का आंकड़ा 120.83 लाख हेक्टेयर एवं सोपा का आंकड़ा 114.50 लाख हेक्टेयर का था।

सोपा के अनुसार समीक्षाधीन सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल 124.11 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ जिसके तहत मध्य प्रदेश में 54.136 लाख टन, महाराष्ट्र में 49.257 लाख, राजस्थान में 10.348 लाख, तेलंगाना में 1.763 लाख, कर्नाटक में 4.398 लाख, छत्तीसगढ़ में 44 हजार, गुजरात में 2.409 लाख तथा अन्य प्रांतों में 1.358 लाख टन का उत्पादन शामिल था।

सोपा के मुताबिक वर्ष 2022 के दौरान सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र मध्य प्रदेश में 50.661 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 43.446 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 10.344 लाख, तेलंगाना में 1.754 लाख, कर्नाटक में 4.376 लाख, छत्तीसगढ़ में 42 हजार, गुजरात में 2.216 लाख तथा अन्य राज्यों में 1.286 लाख हेक्टेयर रहा था।

ध्यान देने की बात है कि पिछले साल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान जैसे तीन शीर्ष उत्पादक राज्यों को छोड़कर अन्य प्रांतों में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र का सोपा का आंकड़ा सरकारी आंकड़े के बराबर ही था।                                                                                     

       

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