iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान मक्का के उत्पादन क्षेत्र में 3.70 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई लेकिन ज्वार के बिजाई क्षेत्र में 1.91 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा के क्षेत्रफल में 14.48 लाख हेक्टेयर की शानदार बढ़ोत्तरी होने से मोटे अनाजों का कुल रकबा 61.33 लाख हेक्टेयर से 12.07 लाख हेक्टेयर बढ़कर 73.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
रागी का क्षेत्रफल लगभग गत वर्ष के बराबर चल रहा है जबकि स्मॉल मिलेट्स का रकबा 1.33 लाख हेक्टेयर से घटकर 75 हजार हेक्टेयर रह गया।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक ज्वार का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 4.24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 7 जुलाई तक 6.15 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 23.98 लाख हेक्टेयर से उछलकर 38.46 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
ज्वार का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले इस बार राजस्थान में 2.49 लाख हेक्टेयर से उछलकर 4.01 लाख हेक्टेयर तथा मध्य प्रदेश में 13 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.42 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन कर्नाटक में 43 हजार हेक्टेयर से घटकर 20 हजार हेक्टेयर, तमिलनाडु में 22 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 20 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य प्रांतों में 93 हजार हेक्टेयर से गिरकर 28 हजार हेक्टेयर रह गया।
दरअसल राजस्थान में इस बार खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र में चमत्कारिक वृद्धि हो रही है। वहां मक्का का उत्पादन क्षेत्र 1.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.03 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 18.71 लाख हेक्टेयर से उछलकर 33.33 लाख हेक्टेयर हो गया है।
ज्वार का रकबा भी 2.49 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.01 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। राजस्थान में इस वर्ष पहले बिपरजॉय महातूफान के कारण भारी वर्षा हुई और फिर दक्षिण-पश्चिम मानसून भी अपने नियत समय से 6 दिन पहले पहुंच गया।
इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ के कारण वहां अच्छी बारिश हो गई। आमतौर पर राजस्थान को वर्षा के अभाव वाला राज्य माना जाता था लेकिन इस बार वहां अधिशेष बारिश हुई है जिससे किसानों को खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने का अच्छा अवसर मिल रहा है।