iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून की जबरदस्त बारिश होने तथा बांधों- जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण देश के कुछ राज्यों में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और खरीफ फसलें उसमें डूब गई हैं।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर तथा दिल्ली जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहां वर्षा का दौर जारी रहने से संकट और भी बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी बाढ़ का नजारा बनने लगा है।
यही स्थिति राजस्थान एवं गुजरात की है। आसाम में पहले ही 22 जिलों में आई बाढ़ ने खरीफ फसलों को क्षत-विक्षत कर दिया। समझा जाता है कि खेतों में जल का जमाव होने से न केवल बोई गई फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं बल्कि आगे की बिजाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
इससे खासकर दलहन-तिलहन फसलों की पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। वर्षा का दौर थमने पर ही क्षति का आंकलन हो सकेगा।
मानसूनी वर्षा के असमान वितरण से इस बार कृषि क्षेत्र के लिए समस्या पैदा हुई है। एक तरफ पश्चिमोत्तर राज्यों में मुसलाधार बारिश हो रही है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना जैसे प्रांतों में वर्षा का भारी अभाव होने से खरीफ फसलों की बिजाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और इसकी गति काफी धीमी चल रही है।
पश्चिमोत्तर प्रांतों में बाढ़-वर्षा से मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली आदि फसलों को क्षति पहुंचने की आशंका है। कहीं-कहीं कपास की फसल को भी नुकसान हो सकता है लेकिन धान की फसल को आमतौर पर फायदा होने की उम्मीद है।
कर्नाटक के उत्तरी भाग, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा एवं विदर्भ संभाग तथा तेलंगाना के कई क्षेत्रों में दीर्घकालीन औसत के मुकाबले इस बार बारिश बहुत कम हुई है।
एक समस्या यह है कि आगामी समय में अल नीनो मौसम चक्र का आगमन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है जिससे मानसून की तीव्रता एवं गतिशीलता प्रभावित हो सकती है।
इससे देश के कई भागों में बारिश कम होगी और तद्नुरूप खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति में बाधा पड़ेगी। अभी जिन इलाकों में अधिशेष बारिश हुई है वहां आगामी समय में वर्षा का अभाव हो सकता है।
जुलाई-अगस्त में देश के अंदर सर्वाधिक बारिश होती है जबकि सितम्बर से यह घटने लगती है। यदि अल नीनो मौसम का तीव्र प्रकोप नहीं रहा तो मानसून की बारिश सामान्य हो सकती है जैसा की मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है।