iGrain India - वैंकुवर । रूस में काबुली चना का उत्पादन पिछले साल के 4.34 लाख टन से बढ़कर चालू वर्ष में 5.01 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है जिससे खासकर कनाडा के उत्पादकों एवं निर्यातकों की कठिनाई बढ़ सकती है। वर्ष 2021 के दौरान रूस में 3.24 लाख टन काबुली चना का उत्पादन हुआ था।
इन आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि वहां इस दलहन फसल के उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ध्यान देने की बात है कि रूस और कनाडा में छोटे दाने वाले काबुली चना का अधिक उत्पादन होता है इसलिए वैश्विक निर्यात बाजार में इन दोनों के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार रूस में उत्पादन एवं स्टॉक बढ़ने से कनाडाई काबुली चना के निर्यात तथा मूल्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। दुनिया के प्रमुख निर्यातक देशों से काबुली चना के होने वाले कुल निर्यात में रूस का योगदान 25 प्रतिशत के आसपास रहता है।
वह बहुत बड़ा उत्पादक देश है। उसके मुकाबले कनाडा में काबुली चना का उत्पादन आधा से भी कम होता है। एक समीक्षक के अनुसार रूस में काबुली चना का उत्पादन बढ़ने के कुछ खास कारण हैं।
पहली बात तो यह है कि वहां गेहूं, मक्का एवं जौ पर भारी-भरकम निर्यात शुल्क लागू है जबकि काबुली चना एवं पीली मटर पर कोई शुल्क नहीं लगता है।
उत्पादकों को पता है कि सरकार इसके निर्बाध कारोबार में हस्तक्षेप नहीं करने वाली है। एक अन्य कारण यह है कि रूस में काबुली चना का भाव आमतौर पर 500-600 डॉलर प्रति टन रहता है जो अब बढ़कर 800 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।
इससे किसानों को बेहतर आमदनी हो रही है और इसकी खेती के प्रति उसका उत्साह एवं आकर्षण बढ़ता जा रहा है।
रूस में मुख्यत: 6-7 मि०मी० आकार वाले काबुली चना का उत्पादन होता है जो दुनिया में सबसे सस्ता होता है। तुर्की में रूस से इसका भारी आयात किया जाता है और फिर उसे इराक तथा अफगानिस्तान जैसे देशों को भेजा जाता है।
तुर्की में काबुली चना का उत्पादन पिछले साल से 25 प्रतिशत बढ़कर इस बार 2.45 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है।