iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । देश के उत्तरी एवं पश्चिमी राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी से लेकर अत्यन्त भारी बारिश होने की संभावना है जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा बढ़ने की आशंका है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड एवं हिमाचल प्रदेश में वर्षा के आसार बने हुए हैं। उत्तराखंड में तो 3 दिनों के लिए वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों के अंदर बंगाल की खाड़ी के पश्चिमोत्तर भाग में मानसून हितैषी स्थान पर एक कम दाब का क्षेत्र बनने का संकेत दिया है जिससे पूर्वी भारत में मानसून की स्थिति काफी मजबूत हो सकती है।
यह कम दाब का क्षेत्र बाद में सघन होकर एक डिप्रेशन में बदल सकता है और कम से कम दो दिनों तक उसी क्षेत्र के ऊपर स्थिर रहेगा। इसके फलस्वरूप वहां भारी बारिश से सकती है।
इधर वर्षा संवाहक मानसून का एक ट्रफ जो अभी पश्चिमोत्तर एवं मध्यवर्ती भारत के मैदानी इलाके में मौजूद है वह सक्रिय बना रह सकता है। 20 से 26 जुलाई वाले सप्ताह के अधिकांश दिनों में यह ट्रफ अपनी सामान्य पोजीशन से कुछ दक्षिण की ओर खिसक सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों के दौरान दूर-दूर तक भारी वर्षा हो सकती है जबकि कहीं-कहीं यह प्रचंड रूप ले सकती है। इसी तरह अगले तीन दिनों के दौरान उत्तरी हरियाणा एवं पूर्वी राजस्थान तथा अगले पांच दिनों के अंदर हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश होने की उम्मीद है। उत्तराखंड में भी जोरदार वर्षा होने वाली है।
खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार कुछ तेज हुई है लेकिन तुवर, कपास एवं सोयाबीन का क्षेत्रफल गत वर्ष से काफी पीछे चल रहा है। धान की खेती भी पिछड़ रही है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे राज्यों में बारिश कम हुई है।
हालांकि महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में अच्छी वर्षा हुई है लेकिन मराठवाड़ा एवं विदर्भ संभाग का बहुत बड़ा क्षेत्र अनावृष्टि या अल्पवृष्टि के चगुल में है। कर्नाटक के उत्तरी भाग में भी कम बारिश हुई है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र तुवर, कपास एवं सोयाबीन का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। इधर राजस्थान में बहुत अच्छी वर्षा होने से लगभग सभी प्रमुख खरीफ फसलों का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है। वहां मौसम अनुकूल बना हुआ है।