iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 19 जुलाई को आयोजित होने वाली गेहूं की चौथी ई-नीलामी की प्रक्रिया से व्यापारियों को बाहर कर दिया है।
सरकार को तीन चरण की साप्ताहिक ई-नीलामी के बावजूद घरेलू बाजार में जब गेहूं के दाम में नरमी आने का कोई संकेत नहीं मिला तब उसे महसूस हुआ कि इस गेहूं से केवल बिचौलियों को फायदा हो रहा है जो सस्ते दाम पर इसकी खरीद करके बाजार में प्रचलित ऊंचे भाव पर उसकी बिक्री करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
ध्यान देने की बात है कि कीमतों को घटाने के उद्देश्य से ही गेहूं की नीलामी शुरू की गई थी। नीलामी प्रक्रिया से व्यापारियों को बाहर किए जाने के बाद खाद्य निगम ने गेहूं का ऑफर भी घटा दिया है। तीसरी नीलामी में कुल 4.18 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया था मगर अगली नीलामी के लिए इसकी मात्रा घटाकर 1.83 लाख टन नियत की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चूंकि खरीदारों का एक बड़ा वर्ग इस नीलामी में भाग नहीं ले सकेगा और केवल वास्तविक उपयोग कर्ताओं प्रोसेसर्स, फ्लोर मिलर्स, आटा चक्की मालिक एवं खाद्य उत्पाद निर्माण कंपनियों द्वारा ही खरीद की जाएगी इसलिए गेहूं की बिक्री के ऑफर की मात्रा घटा दी गई है।
ऑफर में 56 प्रतिशत की कटौती होने से पता चल जाएगा कि इसकी खरीद में बिचौलियों की क्या भूमिका थी। गेहूं की बिक्री पहली नीलामी में करीब 86 हजार टन, दूसरी में 1.21 लाख टन तथा तीसरी नीलामी में 1.77 लाख टन की हुई थी।