iGrain India - जयपुर । यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान पर पूरी तरह मेहरबान रहा है और वहां सबसे अच्छी बारिश हुई है। इससे किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने का नियमित रूप से सहारा मिल रहा है।
आधिकारिक आकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक राजस्थान में फसलों का कुल क्षेत्रफल बढ़कर 114 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पूरे सीजन के लिए नियत बिजाई लक्ष्य 164 लाख हेक्टेयर का करीब 70 प्रतिशत है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत के करीब रहता है।
राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की भागीदारी बाजरा के उत्पादन में करीब 42 प्रतिशत सरसों में 45 प्रतिशत, तिल में 17 प्रतिशत, मूंगफली में 19 प्रतिशत, चना में 20 प्रतिशत, ज्वार में 13 प्रतिशत तथा ग्वार के उत्पादन में 85 प्रतिशत रहती है।
सरसों एवं चना रबी सीजन की फसल है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राजस्थान में 9.56 लाख टन फल, 23.70 लाख टन सब्जी 10.40 लाख टन मसाले, 2.54 लाख टन खाद्यान्न एवं दलहन तथा 100 लाख टन तिलहन का उत्पादन हुआ। वहां गेहूं, चावल एवं मक्का, मूंग का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।
राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान राज्य में धान का उत्पादन क्षेत्र 1.39 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो नियत लक्ष्य 2.10 लाख हेक्टेयर का 66.2 प्रतिशत रहा।
इसी तरह निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले वहां ज्वार का बिजाई क्षेत्र 80 प्रतिशत, बाजार का 84.7 प्रतिशत तथा मक्का का 85 प्रतिशत पर पहुंच गया। ऑल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने राज्य के कृषि मंत्री को पत्र भेजकर मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है क्योंकि इस बार मानसून की काफी अच्छी बारिश हुई है।
इस बार वहां बाजरा की बिजाई का लक्ष्य 44 लाख हेक्टेयर नियत किया गया है जबकि एसोसिएशन का कहना है कि यह लक्ष्य बढ़ाकर 60 लाख हेक्टेयर निर्धारित होना चाहिए।
इसी तरह मक्का के क्षेत्रफल का लक्ष्य 1.50 लाख हेक्टेयर के बजाए 9.50 लाख हेक्टेयर तथा ज्वार के बिजाई क्षेत्र का लक्ष्य 6.20 लाख हेक्टेयर के बजाए 10 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया जाना चाहिए।