iGrain India - मुम्बई । प्रमुख उत्पादक मंडियों में माल की आवक सीमित होने तथा मांग मजबूत रहने से जीरा का वायदा भाव तेजी से उछलकर 60,000 रुपए प्रति क्विंटल से भी ऊपर पहुंच गया और इस तरह चालू वर्ष के आरंभ से अब तक इसके दाम में दोगुने से भी ज्यादा का इजाफा हो चुका है।
18 जुलाई 2023 को सितम्बर अनुबंध के लिए जीरा का वायदा मूल्य 61,080 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि दिन में कारोबार के दौरान एक समय यह उछलकर 61,740 रुपए प्रति क्विंटल के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था। जीरा के दाम में तेजी की सरपट चाल देखी जा रही है।
हाजिर बाजार में भी जीरा की कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है। सबसे प्रमुख उत्पादक एवं व्यावसायिक मंडी- ऊंझा (गुजरात) में 18 जुलाई को इसका भाव 57,000 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
मालूम हो कि गत 6 जुलाई को वहां जीरा का दाम उछलकर 58,625 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष पर पहुंचा था। एक विश्लेषक के अनुसार चालू वर्ष के दौरान जीरा के वायदा मूल्य में करीब 90 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
इस बार घरेलू उत्पादन कम हुआ है, पिछला स्टॉक कम बचा था, आगामी फसल पर अनिश्चितता बनी हुई है जबकि घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत देखी जा रही है।
इसकी अगली नई फसल फरवरी- मार्च 2024 में आएगी जो अभी बहुत दूर है। 2023-24 के वर्तमान मार्केटिगं सीजन के दौरान जीरा की कुल आपूर्ति एवं उपलब्धता महज 70-72 लाख बोरी रहने का अनुमान है जबकि इसकी मांग कम से कम 95 लाख बोरी (55 किलो की प्रत्येक बोरी) रहने की संभावना है। इस तरह मांग एवं आपूर्ति में भारी अंतर रहने से बाजार का समीकरण असंतुलित हो गया है।
गत वर्ष की तुलना में इस बार जीरा की आपूर्ति 10-15 प्रतिशत कम है और इसलिए इसका अंतिम बकाया स्टॉक घटकर बहुत नीचे आ जाएगा।
यदि अगले सीजन में शानदार उत्पादन नहीं हुआ तो लम्बे समय तक जीरा के दाम में तेजी-मजबूती का रुख बरकरार रह सकता है। 1 मार्च, अप्रैल में गुजरात एवं राजस्थान में मौसम प्रतिकूल होने से जीरा का उत्पादन प्रभावित हुआ।