iGrain India - हैदराबाद । मौजूदा खरीफ सीजन में मक्का की बिजाई धीमी गति से होने के कारण कीमतों में तेजी-मजबूती आने लगी है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में मानसूनी बारिश का अभाव होने से किसानों को बिजाई में परेशानी हो रही है।
मक्का का भाव बढ़ने पर पॉल्ट्री क्षेत्र को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। पॉल्ट्री उत्पादों की मांग एवं कीमत कमजोर पड़ गई है जबकि लागत खर्च बढ़ने की संभावना है।
दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र- दावण गेरे में मक्का का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) 1800 रुपए प्रति क्विंटल से 15-20 प्रतिशत बढ़कर अब करीब 2100 रुपए प्रति क्विंटल, इरोड में 2400 रुपए प्रति क्विंटल, सांगली में 2480 रुपए प्रति क्विंटल, गुलाबबाग में 2050 रुपए प्रति क्विंटल एवं छिंदवाड़ा में 2150 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2090 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
व्यापारिक सूत्रों के अनुसार मक्का का भाव आगे कुछ और तेज हो सकता है। इसका बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है जबकि इसकी अगली नई फसल अक्टूबर में आनी शुरू होगी।
आधकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 14 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर मक्का का उत्पादन क्षेत्र 45.15 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 47.06 लाख हेक्टेयर से करीब 4 प्रतिशत कम रहा। यह रकबा सामान्य औसत क्षेत्रफल 56.26 लाख हेक्टेयर से भी लगभग 20 प्रतिशत पीछे था।
गत वर्ष के मुकाबले इस बार मक्का का बिजाई क्षेत्र कर्नाटक में 10.50 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 6.85 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 6 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.35 लाख हेक्टेयर, उड़ीसा में 1.22 लाख हेक्टेयर से गिरकर 73 हजार हेक्टेयर एवं तेलंगाना में 1.06 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 56 हजार हेक्टेयर रह गया।
दूसरी ओर इसका उत्पादन क्षेत्र राजस्थान में 5.25 लाख हेक्टेयर से उछलकर 9.04 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 5.25 लाख हेक्टेयर से उछलकर 9.74 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 4.12 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.75 लाख हेक्टेयर, हिमाचल प्रदेश में 2.30 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.38 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.42 लाख हेक्टेयर तथा बिहार में 72 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.66 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।