iGrain India - मास्को । रूस-यूक्रेन के बीच अनाज निर्यात के लिए हुए करार की समय सीमा 17 जुलाई को समाप्त हो गई और रूस ने इसे आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही उसने एक तरफ यूक्रेन के प्रमुख बंदरगाह ओडेसा पर जबरदस्त बमबारी करके उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया तो दूसरी ओर एक बयान जारी करके काला सागर क्षेत्र से यूक्रेनी जहाजों के आवागमन का मार्ग (कोरीडोर) बंद करने की घोषणा कर दी।
इसके साथ ही अब यूक्रेन से अनाज का निर्यात अत्यन्त जोखिम पूर्ण हो गया है क्योंकि रूस के सैनिक उसके किसी भी माल वाहक जहाज पर हमला करके उसे नष्ट या जब्त कर सकते हैं।
यूक्रेन से स्थलीय मार्ग से यूरोपीय संघ के सीमावर्ती देशों को गेहूं, मक्का, रेपसीड एवं सूरजमुखी का निर्यात पहले ही बंद हो चुका है।
यूक्रेन में उपरोक्त फसलों की कटाई-तैयारी का सीजन आरंभ हो गया है और ऐसी हालत में उसका निर्यात बंद होने से न केवल अर्थ व्यवस्था पर गहरा आघात लगेगा बल्कि वैश्विक बाजार में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता प्रभावित होने से कीमतों में तेजी आने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि काला सागर में यूक्रेन की तरफ जाने वाले अथवा यूक्रेन की ओर से आने वाले सभी जहाजों को सैन्य सामानों का जहाज माना जाएगा और उसके अनुरूप इस पर कार्यवाई हो सकती है क्योंकि माल वाहक जहाजों का आवागमन रोक दिया गया है।
यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह एवं आसपास के क्षेत्रों में रूस ने मिसाइल तथा ड्रोन से भारी हमला करके उसे जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार काला सागर के अंतर्राष्ट्रीय जल मार्ग का पश्चिमोत्तर एवं दक्षिण-पूर्वी भाग नौवहन के लिए खतरनाक हो गया है।