iGrain India - मुम्बई । खरीफ कालीन मक्का का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है। कुछ राज्यों में बिजाई बढ़ने तथा कुछ अन्य प्रांतों में घटने की सूचना मिल रही है। प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत भी अनिश्चित बनी हुई है।
वैश्विक निर्यात बाजार में मक्का की अच्छी मांग देखी जा रही है। रूस ने यूक्रेन से अन्य अनाजों के साथ मक्का का निर्यात भी रोकने का इंतजाम कर दिया है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज का भाव बढ़ने की उम्मीद है। इससे दक्षिण एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में भारतीय मक्के की मांग मजबूत होने के आसार हैं।
वर्तमान समय में मक्का का भाव दावणगेरे में 2100 रुपए प्रति क्विंटल, इरोड में 2400 रुपए प्रति क्विंटल, सांगली में 2480 रुपए प्रति क्विंटल, गुलाब बाग़ में 2050 रुपए प्रति क्विंटल तथा छिंदवाड़ा में 2150 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है जबकि केन्द्र सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 2090 रुपए प्रति क्विंटल नियत कर रखा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार देश-विदेश में जो हालात बन रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि आगामी समय में भी मक्का का भाव ऊंचा और तेज रह सकता है।
14 जुलाई 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर मक्का का क्षेत्रफल 45.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की समान अवधि के क्षेत्रफल 47.06 लाख हेक्टेयर से करीब 2 लाख हेक्टेयर या 4 प्रतिशत कम था।
हाल के सप्ताहों में मक्का के बिजाई क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है लेकिन फिर भी यह सामान्य औसत क्षेत्रफल 56.26 लाख हेक्टेयर से 40 प्रतिशत पीछे है।
कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा एवं तेलंगाना जैसे राज्यों में मक्का का रकबा घटा है क्योंकि वहां मानसून की बरसात कम हुई है। दूसरी ओर इसका बिजाई क्षेत्र राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात तथा बिहार जैसे राज्यों में बढ़ गया है।
इनमें से केवल बिहार को छोड़कर शेष राज्यों में काफी अच्छी बारिश हुई है। मक्का के दाम में बढ़ोत्तरी होने से पॉल्ट्री उद्योग की कठिनाई बढ़ जाने की संभावना है।