iGrain India - मुम्बई । पिछले वित्त वर्ष के अत्यन्त कमजोर प्रदर्शन के बाद स्वदेशी कॉटन उद्योग को चालू वित्त वर्ष में कारोबार कुछ सुधरने की उम्मीद है। पिछले साल के मुकाबले इस बार कॉटन उत्पादों की बिक्री में मात्रा की दृष्टि से 5-7 प्रतिशत का इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार भारतीय रूई का भाव गिरकर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य के निकट आ गया है और प्रतिस्पर्धी देशों से इसकी मांग बाहर निकल कर भारतीय बाजार की तरफ मुड़ने लगी है। चीन सहित कई अन्य देशों में कॉटन यार्न एवं फैब्रिक्स की अच्छी मांग देखी जा रही है।
इधर घरेलू प्रभाग में त्यौहारी सीजन के दौरान वस्त्र उत्पादों की मांग बेहतर रहने की उम्मीद की जा रही है। इसी तरह वैश्विक स्तर पर निम्न तबके के उद्योगों में भी मांग सुधरने के आसार हैं जिससे भारतीय कॉटन उद्योग को कारोबार बढ़ाने का मजबूत आधार मिल सकता है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उद्योग का प्रदर्शन कमजोर रहा था क्योंकि रूई (कपास) का घरेलू बाजार भाव उछलकर काफी नीचे स्तर पर पहुंच गया था।
टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष का कहना है कि उद्योग अब धीरे-धीरे समस्याओं के भंवर से आगे निकल रहा है और आगामी महीनों में इसके कारोबार में अच्छी प्रगति होने की उम्मीद है।
अगले महीने से शुरू हो रहे त्यौहारी सीजन में कॉटन उत्पादों की मांग में अच्छी बढ़ोत्तरी हो सकती है और खासतौर से रिटेल कारोबार में भारी इजाफा होने के आसार हैं।
कपास का घरेलू बाजार भाव शीर्ष स्तर की तुलना में घटकर अब काफी नीचे आ गया है जिससे उत्पादों के लागत खर्च में कमी आ रही है और यह धीरे-धीरे वैश्विक बाजार में अन्य निर्यातक देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धी हो रहा है।