iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा एथनॉल निर्माण के लिए चावल की आपूर्ति रोक दिये जाने से डिस्टीलरीज की कठिनाई बढ़ गई है। कुछ इकाइयों में गतिविधियों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है जबकि कुछ अन्य कंपनियां वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रही हैं।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध एक कम्पनी ने एक्सचेंज को सूचित किया है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में उसका एक अनाज आधारित एथनॉल उत्पादक प्लांट उपस्थित है जिसकी औसत दैनिक उत्पादन क्षमता 500 किलो लीटर है।
वहां कच्चे माल की अनुपलब्धता के कारण अगले कुछ दिनों तक उत्पादन बाधित रहेगा। कम्पनी का कहना है कि उसने खुले बाजार से सीमित मात्रा में क्षतिग्रस्त चावल / अनाज खरीदना शुरू कर दिया है ताकि एथनॉल आपूर्ति एक अनुबंध को पूरा करने में सहायता मिल सके। जब तक खाद्य निगम से अधिशेष चावल की आपूर्ति दोबारा शुरू नहीं हो जाती तब तक यह प्रक्रिया चलती रहेगी।
इसी तरह एक अन्य एथनॉल निर्माता कम्पनी ने एक्सचेंज को सूचना दी है कि उसने सरप्लस चावल के विकल्प के तौर पर टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) तथा मक्का का उपयोग कच्चे माल के रूप में करने का प्लान बनाया है।
इस कच्चे माल का इस्तेमाल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल तथा एथनॉल के उत्पादन के लिए किया जाएगा। कम्पनी के एक बयान में कहा गया है कि इस बदलती परिस्थिति के कारण पश्चिम बंगाल एवं झारखंड में अवस्थित उसकी अनाज आधारित डिस्टीलरीज में अगले 7 से 10 दिनों तक एथनॉल का उत्पादन बंद रहने की संभावना है।
इस अवधि के दौरान वैकल्पिक कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। हरियाणा, राजस्थान एवं बिहार में कम्पनी की जो इकाई मौजूद है वह सामान्य रूप से क्रियाशील बनी रहेगी।
समझा जाता है कि सरकार से रियायती मूल्य पर मिलने वाले चावल को कुछ इकाइयों द्वारा घरेलू बाजार में बेचने की शिकायत मिलने के बाद खाद्य निगम ने डिस्टीलरीज को अचानक चावल की आपूर्ति रोक दी और शिकायत की जांच-पड़ताल शुरू कर दी।
माना जा रहा है कि जांच-पड़ताल समाप्त होने के बाद ही एथनॉल निर्माताओं को चावल की आपूर्ति शुरू हो सकती है।