iGrain India - विजयवाड़ा । दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में खरीफ फसलों की बिजाई की गति काफी धीमी है और इसका कुल क्षेत्रफल भी गत वर्ष से काफी पीछे चल रहा है। यद्यपि आंध्र प्रदेश में मानसून की बारिश हुई है लेकिन यह कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित रही।
इस बार 26 जुलाई तक राज्य में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 9.23 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 14.02 लाख हेक्टेयर से 4.79 लाख हेक्टेयर कम है।
पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान आंध्र प्रदेश में धान का उत्पादन क्षेत्र 4.86 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.85 लाख हेक्टेयर, मक्का का 67 हजार हेक्टेयर से गिरकर 54 हजार हेक्टेयर, बाजरा का 11 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 9 हजार हेक्टेयर एवं अनाजी फसलों का कुल रकबा 85 हजार हेक्टेयर से गिरकर 77 हजार हेक्टेयर रह गया।
दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 80 हजार हेक्टेयर से घटकर 54 हजार हेक्टेयर पर आ गया। इसके तहत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र 66 हजार हेक्टेयर से घटकर 45 हजार हेक्टेयर, मूंग का रकबा 4 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 3 हजार हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 8 हजार हेक्टेयर से गिरकर 5 हजार हेक्टेयर रह गया।
तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी पिछले साल के 3.45 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 1.84 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके तहत खासकर मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 3.00 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 1.60 लाख हेक्टेयर तथा तिल का रकबा 16 हजार हेक्टेयर से गिरकर 5 हजार हेक्टेयर पर आ गया जबकि अरंडी का क्षेत्रफल 16 हजार हेक्टेयर के पिछले स्तर पर बरकरार रहा।
इसके अलावा वहां कपास का बिजाई क्षेत्र 3.76 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.05 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 29 हजार हेक्टेयर से गिरकर 16 हजार हेक्टेयर रह गया।