iGrain India - हैदराबाद । चावल निर्यातक संघ ने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री से एक भिन्न एचएसएस कोड के तहत सोना मसूरी चावल के निर्यात की अनुमति देने और इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 1000 डॉलर प्रति टन निर्यात करने का आग्रह किया है।
वाणिज्य मंत्री को भेजे एक पत्र में संघ के अध्यक्ष ने कहा है कि सरकार ने 20 जुलाई को गैर बासमती संवर्ग के सभी सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे सामान्य श्रेणी के चावल का कुल निर्यात 172.90 लाख टन से घटकर 100 लाख टन पर सिमट सकता है।
टुकड़ी चावल के निर्यात पर पहले से ही रोक लगी हुई है। चूंकि सोना मसूरी भी सफेद चावल की श्रेणी में आता है इसलिए इसके निर्यात पर भी प्रतिबंध लग गया है।
एच एस एन कोड अन्य चावल से भिन्न रखना चाहिए ताकि विदेशों में रहने वाले दक्षिण भारतीय मूल के लोगों को इसकी निर्बाध आपूर्ति जारी रह सके। वे इस चावल को बेहद पसंद करते हैं।
पत्र में कहा गया है कि सरकार को सोना मसूरी चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1000 डॉलर प्रति टन नियत करना चाहिए और यदि जरूरत महसूस हो तो इसकी अधिकतम निर्यात मात्रा 10 लाख टन तक सीमित रखी जा सकती है।
इससे सरकार को सभी पक्षों को संतुष्ट रखने में सहायता मिलेगी। चेयरमैन के मुताबिक जिन निर्यातकों के पास लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) है उसके लिए ट्रांजिशनल व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उसे अंतर्राष्ट्रीय संचार का सामना करने से बचाया जा सके।
सोना मसूर चावल का उत्पादन तेलंगाना में बड़े पैमाने पर होता है और अमरीका, कनाडा तथा खाड़ी क्षेत्र में रहने वाले दक्षिण भारतीय पूल के लोगों में यह चावल बहुत लोकप्रिय है। निर्यातकों ने इसका अनुबंध भी कर रखा है।