iGrain India - ➤ IVPA GLOBAL ROUNDTABLE @ 2.0 ON VEG OIL AND OILSEED SECTOR
➤ PANEL DISCUSSION (PRICE & BUSINESS OUTLOOK)
★ स्टेज के संचालक संदीप बजोरिया ने कहा कि कोरोना और यूक्रेन रशिया के बीच युद्ध होने से सभी खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ी थी।
★ मार्किट में अब भारी उथल-पुथल होने में कुछ समय नहीं लगता।
➤ MRITUENJAY KUMAR JHA, COMMODITY EDITOR, ZEE BUSINESS
★ किसानों को पर्याप्त भाव मिलें यह सभी का दायित्व, अगर किसानों को पर्याप्त भाव न मिले तो वे भविष्य में उत्पादन घटा सकते हैं जिससे खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता और बढ़ेगी साथ ही उपभोगकर्ताओं को भी संभालना जरुरी।
★ कुछ नई नीति आनी चाहिए जिससे किसानों व उपभोगकर्ताओं के हित में हो।
★ बीते रबी सीजन में सरसों की सरकारी खरीद में विलम्ब हुआ था।
★ सरकार को नया ड्यूटी नियम सुचारू बनाना चाहिए, कीमतें कम हैं तो अत्यधिक आयात शुल्क लगे कीमतें कम है तो कम।
➤ VIJAY BHUSHAN, HEAD-EDIBLE OILS AT BUNGE INDIA PVT LTD
★ देश में खाद्य तेलों की डिमांड अच्छी, खपत भी अच्छी रही।
★ अमरीका अपने कृषि और उद्योग की काफी मदद कर रहा है जैसे कि शुरुआत में सोया प्रोसेसर्स किसानों की सहायता की थी।
★ जब सोया का निर्यात घटने लगा तो बायो डीजल एवं अन्य उद्योगों में सोया का इस्तमाल बढ़ा।
➤ AASHISH ACHARYA, VICE PRESIDENT, INTERNATIONAL TRADE DIVISION, PATANJALI FOODS LTD.
★ 2023 में खाद्य तेलों के बाजारों में भारी उथल-पुथल देखी गयी।
★ 2022-23 में लगभग सभी खाद्य तेलों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।
★ अर्जेंटीना में फसल प्रभावित रही।
★ भारत में रिकॉर्ड 30 लाख टन सूरजमुखी तेल का हुआ आयात।
★ रशिया व यूक्रेन के बीच युद्ध चलने से सप्लाई पर पड़ा असर।
★ दोनों देशों के बीच अधिक से अधिक अनाज बेचने में होड़ लगने से कम कीमतों का भारत ने भरपूर फायदा उठाया।
★ रशिया के पास 160 व यूक्रेन के पास 110 लाख टन सोया उत्पादन है।
➤ AKSHAY CHOWDHRY, GROUP VICE PRESIDENT, GEMINI EDIBLES AND FATS INDIA PVT LTD.
★ युद्ध के कारण सूरजमुखी तेल की सप्लाई शुरूआती दौर में प्रभावित हुई थी।
★ जैसे ही दोनों देशों के बीच ग्रेन कोरिडोर समझौता हुआ अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आई।
★ यूक्रेन द्वारा पोर्ट व कुछ यूरोपियन यूनियन देशों से अनाजो/तेलों का किया निर्यात परन्तु निर्यात करने में अधिक समय लगा।
★ भविष्य में सोया तेल, सूरजमुखी तेल की कीमतों को नियंत्रित कर सकता है।
➤ VIJAY DATA, MD, VIJAY SOLVEX LTD
★ इस वर्ष भारत में सरसों का हुआ रिकॉर्ड उत्पादन।
★ विश्व से सस्ते में खाद्य तेलों के हुए आयात का सीधा असर सरसों व सरसों तेल की कीमतों पर पड़ा।
★ सरसों की सरकारी खरीद में तीन महीने का हुआ था विलम्ब।
★ क्रशिंग पैरिटी अधिक नहीं।
★ अगर सितम्बर व अक्टूबर में अच्छी बारिश हुई तो आगामी सीजन में सरसों का एरिया बढ़ सकता है।
★ भविष्य में कच्ची घानी सरसों के रिटेल भाव जो अभी 130 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं घटकर 120 रुपए आ सकते हैं।
★ देखना होगा कि नैफेड और हैफेड कब और कितनी मात्रा में बिक्री करते हैं।
★ नैफेड व हैफेड के पास 14 लाख टन सरसों का सरकारी स्टॉक उपलब्ध।
★ शुरूआती दौर में ऑइलमील का हुआ अच्छा निर्यात परन्तु अब धीरे धीरे घट रहा है।
★ अंतर्राष्ट्रीय बाजार कमजोर होने से भारतीय निर्यात पर पड़ा असर साथ ही तेलों के भाव कमजोर होने से मिलर्स ने क्रशिंग घटाई।
★ बारिश लेट होने से महाराष्ट्र में बिजाई प्रभावित, मध्य प्रदेश में बारिश सामान्य, राजस्थान व गुजरात में अच्छी बतायी गयी।
★ तिलहन उद्योग/कारोबारी सरकारी बिजाई आकड़ों से संतुष्ट नहीं।
★ महाराष्ट्र में कपास व दलहन की ऊंची कीमतों के कारण घट सकता है सोया का रकबा।
★ मध्य प्रदेश में भी किसान अन्य फसलों की तरफ कर सकते हैं रुख।
★ विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष सोया बिजाई गत वर्ष से घटी। मौसम फसल के अनुकूल, उत्पादन गत वर्ष के लगभग बराबर या मामूली कम होने की सम्भावना।
★ क्रशिंग सोयामील की निर्यात मांग व सोया तेल की घरेलू मांग पर रहेगी निर्भर।
★ विश्व में पाम तेल उपलब्धता अच्छी तथा कीमतें भी कम।
★ बढ़ सकता है भारत में पाम तेल आयात, सप्लाई पर्याप्त व स्टॉक भी अच्छा।
★ अलनीनो का प्रभाव पड़ा तो अक्टूबर व नवम्बर में खाद्य तेलों की कीमतों में आ सकती है मामूली तेजी।
★ उपरोक्त सभी जानकारियां विशेषज्ञों की व्यक्तिगत राय है।
★ आई ग्रेन इंडिया को मीडिया पार्टनर बनाये जाने के लिए IVPA का विशेष धन्यवाद।