iGrain India - नई दिल्ली । स्वदेशी खाद्य तेल-तिलहन क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण संस्था- इंडियन वनस्पति ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इवपा) द्वारा 4-5 अगस्त 2023 को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में एक वक्ता ने कहा कि यूक्रेन से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण वैश्विक खाद्य तेल बाजार में उतार चढ़ाव का माहौल बनने लगा है।
यूरोपीय देश सरसों (रेपसीड) तथा सूरजमुखी की आपूर्ति बढ़ा रहे हैं। यूक्रेन दुनिया में सूरजमुखी एवं इसके तेल का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है।
2022-23 के सीजन में विश्व स्तर पर सॉफ्ट तेलों की आपूर्ति करीब 70 लाख टन बढ़ गई लेकिन अब तिलहन-तेल बाजार में उठा-पटक अधिक होने की आशंका है।
2022-23 सीजन के दौरान औद्योगिक उद्देश्य से खाद्य तेलों की खपत 2021-22 के मुकाबले करीब 11.70 प्रतिशत बढ़ गई। अमरीका में ब्लेंडिंग में सोयाबीन तेल का अधिक उपयोग किया जाने लगा है।
इस वर्ष अर्जेन्टीना में सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ लेकिन अगले सीजन में उत्पादन बढ़ने पर अगस्त 2024 से अमरीका को वहां से सोया तेल का निर्यात बढ़ सकता है।
अगस्त-सितम्बर 2023 के दौरान वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों का भाव कुछ नरम पड़ने की संभावना है क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस बार चीन में करीब 20 लाख टन तथा भारत में 10 लाख टन अधिक खाद्य तेलों का स्टॉक मौजूद है।
लेकिन 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में भाव कुछ बढ़ने के आसार हैं। चालू वर्ष के दौरान इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल तथा अर्जेन्टीना से सोयाबीन तेल की आपूर्ति की स्थिति जटिल (टाइट) रहने की संभावना है जबकि वर्ष 2024 की पहली तिमाही से उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है।
लेकिन अमरीकी देशों और खासकर ब्राजील में अगले महीने से सोयाबीन की बिजाई आरंभ होने वाली है। इस वर्ष वहां सोयाबीन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। अगले वर्ष की पहली तिमाही (जनवरी मार्च 2024) के दौरान चीन तथा भारत में खाद्य तेलों का आयात कम हो सकता है। सीपीओ के दाम में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।