iGrain India - नई दिल्ली । एक तरफ सरकार ने चालू मार्केटिंग वर्ष (दिसम्बर 2022- नवम्बर 2023) के लिए पेट्रोल में 12 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है तो दूसरी ओर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने केन्द्रीय पूल से एथनॉल निर्माताओं को चावल की आपूर्ति बंद कर दी है।
इससे चावल पर आधारित कुछ डिस्टीलरीज (एथनॉल / निर्माण इकाई) बंद हो गई है जबकि कुछ डिस्टीलरीज में उत्पादन काफी घट गया है मिलर्स को खुले बाजार से अपेक्षाकृत ऊंचे मूल्य पर चावल खरीदकर अपना काम चलाना पड़ रहा है जिससे एथनॉल का लागत खर्च ऊंचा हो गया है। इससे डिस्टीलरीज के मार्जिन में कमी आ रही है।
समझा जाता है कि डिस्टीलरीज को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने चावल तथा मक्का से निर्मित एथनॉल के दाम में कुछ बढ़ोत्तरी कर दी है जो तेल (पेट्रोलियम) विपणन कंपनियों के लिए मान्य होगा।
एथनॉल की खरीद इन कंपनियों द्वारा ही की जाती है। इससे डिस्टीलर्स को दोबारा अपनी इकाइयों को चालू करने में सहायता मिलेगी। वैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्प्णी करने से इंकार करते हुए कहा है कि जब तक आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हो जाती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है।
लेकिन व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि सरकार ने संभवत: चालू मार्केटिंग सीजन की शेष अवधि के लिए खुले बाजार से खरीदे जाने वाले क्षतिग्रस्त / टूटे चावल से निर्मित एथनॉल का खरीद मूल्य तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए 4.75 रुपए बढ़ाकर 60.29 रुपए प्रति लीटर तथा मक्का से बनने वाले एथनॉल का खरीद मूल्य 6.01 रुपए बढ़ाकर 62.36 रुपए प्रति लीटर निर्धारित किया है। ज्ञात हो कि ये आंकड़े सिर्फ व्यापारिक अनुमान हैं और सरकार की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
गन्ना से निर्मित एथनॉल के लिए भी नए मूल्य के निर्धारण पर एक माह के अंदर विचार होने की संभावना है। एक अंतर-मंत्रालयी समूह इसका आंकलन करके नए मूल्य का सुझाव देगा।
जानकार सूत्रों के अनुसार क्षतिग्रस्त चावल तथा मक्का से निर्मित एथनॉल के लिए नियत नया खरीद मूल्य 7 अगस्त की तिथि से प्रभावी हो सकता है जिससे संकेत मिलता है कि इस आशय की सरकारी अधिसूचना शीघ्र ही जारी हो सकती है।
एक शीर्ष अधिकारी ने खरीद मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी की संभावना से इंकार तो नहीं किया लेकिन इतना अवश्य कहा कि इसके लिए अधिसूचना जारी होने तक इंतजार करना सही रहेगा।
जून 2023 तक तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल में 11.77 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया था। इस बार मार्केटिंग सीजन की अवधि एक माह घटा दी गई है।