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गेहूं के आयात शुल्क में शीघ्र ही कटौती होने की संभावना

प्रकाशित 09/08/2023, 11:29 am
अपडेटेड 09/08/2023, 11:45 am
गेहूं के आयात शुल्क में शीघ्र ही कटौती होने की संभावना
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iGrain India - नई दिल्ली । तमाम प्रयासों के बावजूद गेहूं के थोक बाजार भाव में हो रही बढ़ोत्तरी से चिंतित और परेशान केन्द्र सरकार शीघ्र ही इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न पर लगे आयात शुल्क में कटौती कर सकती है।

फिलहाल गेहूं पर 40 प्रतिशत का मूल एवं 44 प्रतिशत का कुल आयात शुल्क लगा है जिसे घटाकर 15 प्रतिशत नियत किए जाने की संभावना है। लेकिन यह कटौती आयातकों को ज्यादा आकर्षित करेगी-इसमें संदेह है।

आई ग्रेन इंडिया का मानना है कि यदि 15 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू रहा तो देश में गेहूं का आयात आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित नहीं होगा। अगर गेहूं के आयात को पूरी तरह शुल्क मुक्त कर दिया जाए तो बात बन सकती है।

समझा जाता है कि सरकार देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी बंदरगाहों पर गेहूं के आयात की स्वीकृति दे सकती है। पश्चिमी भाग में मुम्बई बंदरगाह पर आयात हो सकता है।

आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर- राहुल चौहान के अनुसार आने वाले समय में अगर दलहनों की भांति गेहूं का बाजार भाव नियंत्रित नहीं हो सका तो सरकार आयातित गेहूं की खरीद करके अपना स्टॉक बढ़ाने का प्रयास कर सकती है। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं का भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई को गेहूं का दाम 2425 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जो 1 अगस्त को बढ़कर 2490/2510 रुपए प्रति क्विंटल तथा 4 अगस्त को बढ़कर 2530 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा।

हालांकि 5 अगस्त को यह कुछ नरम पड़कर 2500 रुपए पर आया लेकिन 7 अगस्त को पुनः बढ़कर 2530 रुपए प्रति क्विंटल एवं 8 अगस्त को उछलकर 2550 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

इस तरह 1 जुलाई से 8 अगस्त के बीच गेहूं के दाम में 125 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ जबकि चालू माह के शुरूआती आठ दिनों में ही यह 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ चुका है।

आज आर्थिक मामलों की केन्द्रीय कैबिनेट समिति (सीसीईए) की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमें गेहूं के बारे में कुछ निर्णय लिया जा सकता है। सरकार को यह देखना जरुरी होगा कि गेहूं की कीमतों में आ रही तेजी पर जल्दी से जल्दी अंकुश कैसे लगाया जाए।

मौजूदा समय प्रयोग का नहीं बल्कि उपयोग का है। ऐसा न हो कि 15 प्रतिशत के सीमा शुल्क पर आयातक विदेशों से गेहूं के आयात सौदे करने में अरुचि दिखाएं। वैसे भी अनुबंध होने के बाद भारतीय बंदरगाहों पर विदेशी गेहूं की खेप को पहुंचने में समय लगेगा।

यूक्रेन संकट के कारण गेहूं के वैश्विक बाजार भाव में मजबूती आने लगी है। भारत में आयात बढ़ने की सूचना मिलने पर गेहूं का वैश्विक बाजार मूल्य और भी तेज हो सकता है। मिश्र ने हाल ही में रूस से ऊंचे भाव पर 2.35 लाख टन गेहूं के आयात सौदे किए हैं।

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