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सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्र के बारे में सरकार एवं सोपा के आंकड़े अलग-अलग

प्रकाशित 09/08/2023, 06:46 pm
अपडेटेड 09/08/2023, 07:15 pm
सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्र के बारे में सरकार एवं सोपा के आंकड़े अलग-अलग

iGrain India - इंदौर । पिछले साल की भांति चालू वर्ष के दौरान भी सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र के बारे में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय तथा सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं 2023-24 सीजन के लिए 8 अगस्त की तिथि तक सरकार ने सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 124.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो सोपा के बिजाई आंकड़े 122.39 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

इस बार सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में सरकार ने 54.14 लाख हेक्टेयर तथा सोपा ने 53.13 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में सरकार ने 49.26 लाख हेक्टेयर तथा सोपा ने 48.55 लाख हेक्टेयर और राजस्थान में सरकार ने 10.35 लाख हेक्टेयर तथा सोपा ने 11.43 लाख हेक्टेयर आंका है। मालूम हो कि देश में सोयाबीन के उत्पादन की दृष्टि से ये तीन शीर्ष राज्य है।

इसके अलावा सरकार ने तेलंगाना में 1.76 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 4.40 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.41 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ के 44 हजार हेक्टेयर एवं अन्य प्रांतों में 1.36 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र आंका है जबकि सोपा का कहना है कि इसका बिजाई क्षेत्र तेलंगाना में करीब 1.73 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 3.92 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.63 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 34 हजार हेक्टेयर एवं अन्य राज्यों में 67 हजार हेक्टेयर रहा। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र सरकार ने 120.83 लाख हेक्टेयर तथा सोपा ने 114.50 लाख हेक्टेयर आंका था।

सोपा के मुताबिक पिछले साल मध्य प्रदेश में 50.66 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 43.45 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 10.34 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.75 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 4.38 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 42 हजार हेक्टेयर, गुजरात में 2.22 लाख हेक्टेयर तथा अन्य राज्यों में 1.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बिजाई हुई थी। 

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सोपा के मुताबिक 2022-23 सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन मध्य प्रदेश में 54.14 लाख टन, महाराष्ट्र में 49.26 लाख टन, राजस्थान में 10.25 लाख टन, तेलंगाना में 1.76 लाख टन, कर्नाटक में 4.40 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 44 हजार टन, गुजरात में 2.41 लाख टन तथा देश के अन्य प्रांतों में 1.36 लाख टन सहित राष्ट्रीय स्तर पर कुल 124.11 लाख टन हुआ था।

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