iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बिजाई अधिक हुई है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इसके कुल उत्पादन क्षेत्र में इजाफा हुआ है।
केन्द्र सरकार और उद्योग- संगठन- दोनों इस बात से सहमत हैं लेकिन बिजाई क्षेत्र के उसके आंकड़े अलग-अलग है।
इंदौर स्थित संस्था- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 122.39 लाख हेक्टेयर आंका है जो कृषि मंत्रालय के आंकड़े 124.11 लाख हेक्टेयर से कुछ कम है।
इसके तहत मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में सोयाबीन बिजाई का सरकारी आंकड़ा सोपा के अनुमान से बड़ा है जबकि राजस्थान में क्षेत्रफल सोपा के हिसाब से बड़ा है।
सोपा के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 50.66 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 53.13 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 43.46 लाख हेक्टेयर से उछलकर 48.54 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। इसी तरह राजस्थान में सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 10.34 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 11.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दूसरी ओर सरकार ने माना है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान सोयाबीन का क्षेत्रफल मध्य प्रदेश में 50.18 लाख हेक्टेयर से उछलकर 54.13 लाख हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र में 49.08 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 49.20 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जबकि राजस्थान में इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 11.51 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 10.34 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है।
मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में सोयाबीन का क्षेत्रफल पहले सीजन के आरंभ में घटने का अनुमान लगाया जा रहा था क्योंकि इसका बाजार भाव ज्यादा आकर्षक नहीं या और ऐसा लग रहा था कि किसान सोयाबीन के बजाए कपास एवं दलहनों की खेती को प्राथमिकता दे सकते हैं।
बिपरजॉय तूफान के कारण गुजरात एवं राजस्थान में जल्दी बारिश होने से किसानों को खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने का अवसर मिल गया।
सोपा ने 2022-23 सीजन के दौरान सोयाबीन का घरेलू उत्पादन बढ़कर 124.11 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 118.89 लाख टन से ज्यादा है।